चीनी मिलें गन्ना किसानों का बकाया भुगतान शीघ्र करें

सहारनपुर। जनपद की चीनी मिलों में आगामी नए गन्नापेराई सत्र की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है। लेकिन पिछले वर्ष के गन्ना भुगतान के लिए गन्ना किसान आज भी तरस रहे हैं। अकेले बजाज ग्रुप की गाँगनौली चीनी मिल पर गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का 172 करोड़ रुपया गन्ना मूल्य बकाया है। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,गन्ना एवं चीनी मिलें कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, गन्ना राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार अपनी नियमित गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा बैठक में लगातार गन्ना विभाग को निर्देशित कर रहे हैं, कि नए गन्नापेराई सत्र से पहले सभी चीनी मिलें बकाया गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान कर दें । 

लेकिन यह सब आदेश -निर्देश हवा हवाई साबित हो रहे हैं। जनपद की बजाज चीनी मिल गाँगनौली का गन्ना मूल्य भुगतान अन्य मिलों से बहुत पीछे चल रहा है ।जबकि चीनी मिल प्रबंधन ने नए गन्नापेराई सत्र की तैयारी शुरू कर आगामी 24 अक्टूबर को गन्ना इंडेंट जारी करने की संभावित तिथि तथा मिल चलाने की 28 अक्टूबर की तिथि गन्ना विभाग को दी है ।

खेद का विषय है कि पिछले वर्ष के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के बारे में अपना कोई प्लान गन्ना विभाग को अभी तक नहीं सौंपा है।बजाजचीनीमिल के बैंक खाते एनपीए हो गए हैं, इस बात को लेकर बजाजचीनीमिल क्षेत्र गाँगनौली  के गन्ना किसानों को अपना गन्ना मूल्य भुगतान फँसता नजर आ रहा है। जनपद में गत सीजन में चीनी मिलों ने 1 नवंबर से 12 नवंबर के बीच पेराई सत्र शुरू कर दिया था। जनपद की सभी चीनी मिलें मेंटेनेंस कार्य समय से पूरा करने में जुट गई है ।चीनी मिलों में नए पेराई सत्र से पहले बड़े स्तर पर मिल का मरम्मत कार्य किया जाता है,जो अब तक 65 प्रतिशत से अधिक मरम्मत कार्य पूरे हो चुके हैं। जिसकी 15 से 30 अक्टूबर तक सभी मरम्मत कार्य पूरे होने की संभावना है।  

सुनील चौधरी ने प्रदेश के गन्ना मन्त्री चौ.लक्ष्मीनारायण, गन्ना राज्यमंत्री सँजयसिँह गँगवार, गन्ना आयुक्त/एवं गन्ना सचिव सँजय भूसरेड्डी को गन्ना मूल्य भुगतान हेतु लिखित रूप से मिलकर अवगत भी कराया था लेकिन आज तक गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया।उन्होंने बजाजचीनीमिल प्रबंधन  को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर तँग किया गया तो बजाजचीनीमिल एवं डिस्टलरी पर ताला डालकर आंदोलन किया जाएगा।

जिसकी जिम्मेदारी बजाजचीनीमिल प्रबंधन की होगी। इसके अलावा आशीष नौसरान, बिजेंद्र काला, रमेश वालिया, अर्जुन वालिया, अमरीश मलिक, मनीष कुमार, प्रमोद नौसरान, विक्रांत आदि ने भी सरकार से नये गन्ना पेराई सत्र से पहले बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करायें जाने की मांग की है। अब देखना है कि सरकार किसानों की इस मांग पर कितना ध्यान दे पाती है। या पिछले वर्ष की तरह इस बार भी बिना गन्ना मूल्य भुगतान किऐ ही नया गन्ना पेराई सत्र चालू करवाती है, यह भविष्य के गर्भ में है।