कोयला घोटालाः अदालत ने हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड के 3 अधिकारियों को 3 साल की सजा सुनाई

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड (एचईपीएल) के दो निदेशकों तथा एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को 2009 के कोयला घोटाला मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने तीनों अभियुक्तों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इन तीन अभियुक्तों में कंपनी के दो निदेशकों - उज्जल कुमार उपाध्याय और विकास मुखर्जी तथा उसके मुख्य महाप्रबंधक (बिजली) एन. सी. चक्रवर्ती शामिल हैं।

 इन पर आरोप था कि उन्होंने 2009 में पश्चिम बंगाल में एक कोयला ब्लॉक का अधिग्रहण करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया। अदालत ने हिमाचल ईएमटीए पावर लिमिटेड पर भी 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश ने हालांकि सजा को 45 दिनों की अवधि के लिए निलंबित रखा ताकि दोषियों को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपील करने का मौका मिल सके। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर. एस. चीमा और अधिवक्ता संजय कुमार, ए.पी. सिंह, एन. पी. श्रीवास्तव और तरन्नुम चीमा अदालत में पेश हुए। सीबीआई ने आरोपपत्र में चक्रवर्ती को गवाह के रूप में नामित किया था। लेकिन तत्कालीन न्यायाधीश ने उन्हें यह कहते हुए आरोपी बनाया था कि ष्मैं सीबीआई द्वारा निकाए गए निष्कर्ष से सहमत नहीं हो पा रहा हूं।’’