आजादी का अमृत महोत्सव को सफल बनाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी: बृजेश शर्मा

सहारनपुर। आजादी का अमृत महोत्सव को मनाने के लिए, पूरे भारत में सकारात्मक मुहिम चल रही है। इसको सफल बनाने के लिए हम सबका सहयोग अपेक्षित है। वास्तव में आजादी का अमृत महोत्सव ,केंद्र सरकार के द्वारा बहुत सोच समझकर प्रारंभ किया गया है यह तो सर्वविदित है कि इस वर्ष हमारी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । 

लेकिन एक बात और महत्वपूर्ण यह है कि हर भारतीय को अपने गौरवशाली इतिहास, शहीदों, क्रांतिकारियों, देशभक्तों के बलिदान की गाथा याद दिलाना व देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के मान सम्मान को जन जन तक पहुंचाने के लिए ,छात्र - छात्राओं, सरकारी, गैर सरकारी, निजी कर्मचारी, व्यवसायी ,चिकित्सक, वकील ,व्यापारी वर्ग हर आमजन को इसमें शामिल करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव नाम देना अनिवार्य हुआ। 

इसीलिए इसे प्रारंभ किया गया क्योंकि आज का समय कुछ ऐसा है कि, बिना सरकारी आदेश के कोई भी आमजन अपने मन से इसकी आवश्कता महसूस नहीं करता,  कि हमें अपने गौरवशाली आजादी के इतिहास, आजादी के महोत्सव व राष्ट्रीय ध्वज के मान सम्मान को किस प्रकार और ऊंचा करना है। 

अपने कार्यों में ऐसे व्यस्त हैं जैसे कि हम पहले से ही आजाद थे या हमें आजादी बड़ी सरलता से प्राप्त हो गई है, जबकि आधुनिक इतिहास को पढ़ें हम पाते हैं यह बेहद कठिन व समस्याओं से पूर्ण समय रहा, उस समय  ब्रिटिश सरकार की कई पाबंदियां थी जिनको धीरे-धीरे सर्व  समाज के लोगों ने समाजसेवियों, देशभक्तों, क्रांतिकारियों, नेताओं के द्वारा समाप्त कराया गया। यह कार्य 15 अगस्त 1947 को आजादी के साथ संपन्न हुआ। 

फिर आजादी के बाद लगभग 75 वर्षों से हम देश के विकास के लिए प्रयासरत हैं ।इन सब की याद ताजा  बनाए रखने के लिए,  देश को विकसित बनाने  के लिए गतिमान  बनाए रखने के लिए अपनी एकता- अखंडता को और मजबूत करने के लिए यह आजादी का अमृत महोत्सव हम सब के लिए अति महत्वपूर्ण और आवश्यक है इसलिए हम सबको ऊंच- नीच, जात- पात ,धर्म से ऊपर उठकर, एक राष्ट्र एक ध्वज के तहत इस आजादी के अमृत महोत्सव को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए, जिससे हमारे देश का गौरव विश्व में सदैव बना रहे।