अमृत प्रभात

 उत्साह का दीया दिखाकर ,

नवजीवन का बोध कराकर ,

अत्यंत  मनोरम   चंद्र   संग

सब के सब सितारे छुप गये !

अमृत  प्रभात  बदले दे गये !


जीवों  की  वेदना   मिटाकर,

खुशियों के अंकुरण उगाकर ,

अपने  आशियाना अधर पर

सब के सब सितारे छुप गये !

अमृत  प्रभात  बदले  दे गये !


निःसंग की  जंजीर  काटकर ,

बन्धु -बान्धवों  को  मिलाकर 

बेशुमार   रम्य   लालिमा   में

सब  के सब सितारे छुप गये !

अमृत  प्रभात  बदले  दे गये !


 ✍️ ज्योति नव्या श्री

      रामगढ़ , झारखंड