आशा (चौपाई )

राम तुम्हीं से अब है आशा |

जग से मिलती सदा निराशा ||

शरण आपकी जो भी आता |

अपने सारे दुख बिसराता ||


राम नाम गुण जो नर गावे |

पूरी अभिलाषा हो जावे ||

मन की इच्छा पूरी करते |

निज मन ध्यान तुम्हीं पर रखते ||


संकट में सब प्रभु को जपते |

राम -राम ही मन में रटते ||

सुख में जो मन ध्यान लगावे |

निश्चित वही परम पद पावे ||


मान उसी का जग में बढ़ता |

अक्षर -अक्षर मोती गढ़ता ||

भाषा प्रेममयी जो बोले |

निज मन मुख  अंतर्मन तौले ||


सत्य वचन जो पालन करता  |

दुख निज सारे ईश्वर हरता ||

रखे ईश से जो मन आशा |

पूरी होती हर अभिलाषा ||


सत्य वचन जो पालन करता  |

दुख निज सारे ईश्वर हरता ||

एक भरोसा राम तिहारा |

देते संकट समय सहारा ||


संकट में सुत सब कुछ सहना |

धैर्य मनुज का अनुपम गहना ||

आशा पूरी जो हो जावे |

मानव मन सब कुछ बिसरावे ||


हानि लाभ सम समझो प्यारे |

संकट के वो है रखवारे ||

आशा मन में दीप जलाती |

दुख सारे शीघ्र मिटाती ||


ईश्वर का सब खेल रचाया |

उसकी सत्ता अनुपम माया ||

मन में आदर रखना प्यारे |

चलती गाड़ी राम सहारे ||

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कवयित्री

कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "

लखनऊ

उत्तरप्रदेश