मेरी प्यारी बहन

मेरी धड़कन में तुम हो समायी।

जब गिरी मैं पास मेरे आयी।


मुझकों सम्भाला तूने ही आकर।

कहती हो मुझसे गले से लगाकर।

मेरे लिए खुशियाँ तू ही तो लायी।

मेरी धड़कन में तुम हो समायी।


तेरे बिना एक पल भी न रह पाऊँ।

संग में हैं जीना संग में मर जाऊँ।

हर-पल मुझकों गले से लगायी।

मेरे धड़कन में तुम हो समायी।


एक दूसरे की हैं हम बने परछाई।

कभी कभी करते हैं बस हम लड़ाई।

जब भी मैं रोयी मुझकों हसाँयी।

मेरी धड़कन में तुम हो समायी।


साथ साथ चलना हैं हर पल हमको।

कहती हूँ ये तो मैं ही तो सबकों।

मन घबराया दी न जो दिखायी।

मेरे धड़कन में तुम हो समायी।


मुझसे कभी भी दूर नहीं होना।

तेरे संग ही हँसना और हैं रोना।

मेरी जिंदगी तो तूने ही बनायी।

मेरी धड़कन में तुम ही समायी।


✍️ उपासना कौशिक धामपुर बिजनौर