मन के उद्गार है कविता

       मन के उद्गार है कविता।

     कवि के विचार है कविता।

  जीने की राह दिखाती है कविता।

संसार को आइना बताती है कविता।


कभी संयोग तो कभी वियोग है कविता।

   कभी श्रृंगार तो कभी ओज है कविता।

कभी खण्ड तो कभी महाकाव्य है कविता।

   कभी हृदय के भाव बताती है कविता।


बच्चों को बहुत-बहुत भाती है कविता।

नवयुवकों को बहुत लुभाती है कविता।

वृद्धों के लिए बहुत ही खास है कविता।

जीवन जीने की एक आस है कविता।


   कभी खट्टी तो कभी मीठी है कविता।

कभी तीखी और कड़वी गोली है कविता।

         कभी देती है मुस्कान तो कभी,

          भावुक कर जाती है कविता।


कभी करती है प्रसन्न कभी अंतस को,

        झकझोर जाती है कविता।

   व्यभिचार,अत्याचार के खिलाफ 

      आवाज  उठाती है कविता 

            

कभी आकाश तो कभी पाताल की,

          सैर कराती है कविता।

कभी अनकहे दर्द दिखा जाती है कविता।

यूँ कहें,तो हर क्षेत्र में पाई जाती है कविता।


         सोनल सिंह"सोनू"

          कोलिहापुरी दुर्ग छ