साथ ही बच्चों को मजहबी कट्टरता का भी पाठ पढ़ाया गया था। कश्मीर में पत्थरबाजी करने के लिए आतंकी ऐसा करते रहे हैं। इसके अलावा एक बार फिर से हिंसा के आरोपियों को पांच दिन की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है। जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि बच्चों का हिंसा में शामिल होना गंभीर बात है।
एनसीपीसीआर ने भी इसका संज्ञान लेते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा को जांच का आदेश दिया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि नाबालिग बच्चों को रुपए बांटकर हिंसा के लिए डायवर्ट किया गया। बच्चों तक फंड सीधे नहीं, बल्कि अलग चौनल से भेजे गए। यानी इलाके के नेताओं और गली-मोहल्ले के लोगों से रुपए बंटवाए गए। तय समय पर सैकड़ों नाबालिग हाथ में पत्थर लेकर सड़कों पर उतर आए थे और जमकर पथराव किया था। पुलिस जल्द ही जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट NCPCR को सौंपेगी