विश्व रक्तदाता दिवस : आओ स्वैच्छिक रक्तदान के लिए जागरूकता बढ़ाएं


प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में रक्तदान हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है - एड किशन भावनानी

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर प्रौद्योगिकी के विकास और आधुनिक सुविधाओं के बढ़ते ट्रेंड में अगर मानवीय जीवन को उम्मीद से अधिक सुख सुविधाएं उपलब्ध हुई है तो उतनी ही कठिनाइयां भी बढ़ी हुई है!! मसलन सुविधाओं के चलते शारीरिक हलचल प्रक्रिया में भारी कमी के कारण अनेक शारीरिक रोगों से मानवीय शरीर ग्रस्त हो गए हैं दूसरी ओर बढ़ते परिवहन संसाधनों से दुर्घटनाओं की मात्रा में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होना लाजमी है!! अब इन दोनों परिस्थितियों में शारीरिक हानि होने से बढ़ती चिकित्सीय सुविधाओं में, झट से ऑपरेशन का ऑप्शन आ जाता है जिसमें सबसे पहले रक्त की ज़रूरत महसूस की जाती है बस!! यही से रक्तदाता का काम शुरू होता है क्योंकि बिना रक्त आपूर्ति के मरीज की मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है जिसके कारण रक्तदान महादान का प्रोत्साहन देनां अत्यंत जरूरी है जिसके कारण प्रतिवर्ष विश्व रक्तदाता दिवस भी 14 जून को मनाया जाता है ताकि स्वैच्छिक रक्तदान के लिए मानवीय जीव को जागरूक किया जा सके हम आज के आर्टिकल में रक्तदाता द्वारा रक्तदान करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करेंगे। 

साथियों बात अगर हम भारत में रक्त की आवश्यकता की करे तो लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया के अनुसार, भारत में हर दो सेकेंड में एक मरीज को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। देश में हर साल 5 करोड़ युनिट ब्लड की जरूरत होती है, पर इससे आधा खून ही मिल पाता है। इससे देश को रक्त की गम्भीर कमी का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। खून बाजार में नहीं मिलता, ना ही कृत्रिम ढंग से तैयार किया जा सकता है। इसे केवल दान से ही प्राप्त किया जाता है। 

साथियों बात अगर हम, नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की करे तो उसने रक्तदाताओं के लिए कुछ जरूरी सिफारिशें की हैं। जिसके अनुसार 18-60 वर्ष का कोई भी व्यक्ति, जो स्वस्थ और फिट है, जिसका वजन कम से कम 50 किलोग्राम या उससे अधिक है, पल्स रेट 60-100 के मध्य हो और हीमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 12.5 ग्राम/डेसिलीटर हो, रक्तदान कर सकता है। साथ ही, उसे कोई संक्रामक रोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि रक्तदान के पहले पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ का सेवन करें। नींद पूरी करें। रक्तदान दो तरह से किया जाता है। पहला, कोई व्यक्ति स्वेच्छा से रक्तदान कर सकता है, ताकि किसी की मदद हो सके। दूसरा, जरूरतमंद व्यक्ति के करीबी सीधे-तौर पर उसके लिए रक्तदान करें। रक्तदान की प्रक्रिया योग्य और प्रशिक्षित डॉक्टर पूरी करते हैं। इसलिए रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है। रक्तदाता के शरीर से एक बार में रक्त की इतनी ही मात्रा ली जाती है कि वह उसके लिए घातक न हो। भार के आधार पर 350 मिलीलीटर से 450 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है। 

साथियों बात अगर हम रक्तदान से पहले सावधानियों की करें तो, रक्तदान के तीन घंटे पहले आयरन से भरपूर भोजन, जैसे साबुत अनाज, अंडे, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियां और खट्टे-मीठे फल खाएं, अधिक वसा न लें। रक्तदान के एक दिन पहले और रक्तदान के तीन घंटे बाद तक धूम्रपान न करें, अल्कोहल का सेवन न करें। रक्तदान के तुरंत बाद ज्यादा मेहनत वाला काम न करें। तुरंत बाद वाहन न चलाएं। प्रोटीन से भरपूर भोजन करें।

साथियों बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रक्तदान दिवस 2022 की थीम और उद्देश्यों की करें तो, विश्व रक्त दाता दिवस का नारा है रक्तदान एकजुटता का कार्य है। प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं उन भूमिकाओं की ओर ध्यान आकर्षित करना जो स्वैच्छिक रक्तदान जीवन बचाने और समुदायों के भीतर एकजुटता बढ़ाने में निभाते हैं। सभी देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित, अवैतनिक रक्त दाताओं की आवश्यकता होती है कि जिन लोगों को आधान की आवश्यकता होती है, उनके पास सुरक्षित रक्त तक पहुंच हो। जब रक्त की मांग में वृद्धि होती है या जब रक्त सेवाओं का सामान्य संचालन बाधित होता है, तो शांतिकाल के साथ-साथ आपात स्थितियों के दौरान रक्त आधान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जनसंख्या की व्यापक और सक्रिय भागीदारी के साथ एक प्रभावी रक्त दाता कार्यक्रम महत्वपूर्ण होता है। या आपदाएँ। जबकि एक उपयुक्त सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण मजबूत एकजुटता के साथ एक कुशल रक्त दाता कार्यक्रम के निर्माण का समर्थन करता है, यह आमतौर पर स्वीकार किया जाता है कि रक्तदान सामाजिक संबंधों के निर्माण और एक एकीकृत समुदाय के निर्माण में योगदान देता है। 

साथियों बात अगर हम रक्तदान दिवस के महत्व फायदे और जागरूकता की करें तो, रक्तदान हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है और प्रसव के दौरान बीमारियों, दुर्घटनाओं, कठिन प्रक्रियाओं या जटिलताओं से पीड़ित व्यक्तियों के पुनर्वास और कल्याण में सहायता करता है। प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिए रक्त भंडार के उपयोग की आवश्यकता होती है। क्योंकि कुछ रक्त प्रकार असामान्य हैं, यह घटना असामान्य दाता प्रकारों की आवश्यकता को भी बढ़ावा देगी। रक्तदाताओं की आवश्यकता को बढ़ावा देने और बार-बार रक्तदान करने में विश्व रक्तदाता दिवस के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। कई देशों में अभी भी दाता की कमी है, जिससे विश्व रक्तदाता दिवस रक्तदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए आपूर्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। रक्तदान करने के लिए जिन विशेष आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए, उनके बारे में सभी को जानकारी नहीं है। विश्व रक्तदाता दिवस मनाते हुए, संगठन इन मुद्दों पर बहस शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि डब्ल्यूएचओ इस दिन लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान का आयोजन करता है। 

साथियों बात अगर हम यह दिवस मनाने के इतहास की करें तो, बता दें कि 14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर का जन्मदिवस है। ये एक साइंटिस्ट थे, जिन्होंने एबीओ ब्लड ग्रुप सिस्टम को खोजा था, ऐसे में इनके जन्म दिवस पर विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है,इनकी खोज से पहले यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप की जानकारी के किया जाता था। जब कार्ल लैंडस्टेनर ने इसकी खोज की तो उन्हें सन 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया मई 2005 में, 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान, दुनिया भर के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सर्वसम्मति से स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और समर्थन की घोषणा की और डब्लयूएचए 5.13 के संकल्प के  साथ, उन्होंने विश्व रक्तदाता दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में नामित किया। 6 दिसंबर 2013 को, सबसे बड़ा रक्तदान अभियान आयोजित किया गया, जिसमें 61,902 प्रतिभागियों ने पूरे भारत में रक्तदान किया।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून 2022 को मनाया जा रहा हैं। आओ स्वैच्छिक रक्तदान के लिए जागरूकता बढ़ाए। प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में रक्तदान हर साल लाखों लोगों की जान बचाता है।

संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र