अंतिम सच

जीवन का अंतिम सच है देखो,

मेहमान है जहां में सारे सच है।

सब आए सबको है जाना,

मौत तो शहजादी सबकी।

सबको गले लगाना,

मौत की शहजादी आकर,

अपना फरमान सुनाएगी।

दुनिया के ठाठ सारे,

यहीं धरे रह जाएंगे।

संग चले ना एक पाई भी,

मौत की शहजादी आकर ।

अपना फरमान सुनाएगी।

आ गया जो भी देखो,

स्वागत उसका करो सदा,

अनमोल है वह जीवन में,

उसकी कदर करो यहांँ।

जो गया लौटकर आया नहीं,

याद उसकी सताती यहांँ।

मौत की शहजादी देखो,

अपने  पांव पसारेगी।

तुझे मुझे देखो सबको,

साथ वह ले जाएगी।

अंतिम सच है जीवन का,

इससे क्या है नजर चुराना।

आया है जो जाएगा,

यह तो है चलन पुराना।।

         रचनाकार ✍️

         मधु अरोरा