तरक्की के लिये शिक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं - मोहम्मद अली न्यायाधीश

आजमगढ़। वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल आज़मगढ़ में 7वे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में न्यायाधीश श्री मोहम्मद अली सोनभद्र अपने अर्धांगिनी सहित उपस्थित हुवे। मुख्य अतिथि को विधालय के बैंड ग्रुप ने मार्च पास्ट के साथ कार्यक्रम स्थल तक लाया गया तत्पश्चात बच्चों और शिक्षिकाओ के समूह ने उन्हें माला और तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया। तत्पश्चात् विधालय के प्रबंधन निदेशक शिव गोविन्द सिंह एवम् विद्यालय के संरक्षक श्री अरविंद सिंह जी ने मां सरस्वती के चरणो में पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का आगाज़ किया ।

 विद्यालय के होनहार बच्चों को उनके विभिन्न कार्यक्रमों एवम् शानदार प्रस्तुतियो के लिए प्रथम, द्वितीय एवम् तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया।इस कड़ी में छोटे बच्चों के सेक्शन से प्रतीक, आभास, आराध्या बरनवाल, अनुश्री सिंह तो वहीं प्राइमरी सेक्शन से मोहमद उमर, अंबिका सिंह, सोनु चौहान, अनंत सिंह, आयुष यादव।तो दूसरी ओर सीनियर विंग्स से सुजल, आयुष चौहान, खुशी सिंह, मानस मौर्य, वाशिक शेख एवम् आयशा खान ने प्रथम, द्वितीय एवम् तृतीय स्थान पाकर विद्यालय का नाम रौशन किया। 

 सातवीं पारितोषिक वितरण समारोह के दूसरे पहलू में मिस्टर वेदांता और मिस वेदांता का सेहरा क्रमशः तेजस राय एवम् तनिषा वर्मा को मिला। बेस्ट टीचर अवॉर्ड श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव एवम् टीचर अप्रिशिएशन सर्टिफिकेट उजाला गुप्ता को  दिया गया। इस सम्मान के लिए दोनों शिक्षिकाओँ ने स्कूल प्रशासन को अपना आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में और अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा दिलाया।

 मुख्य अतिथि महोदय ने अपने अभिभाषण में शिक्षा को सर्वोपरि बताया और कहा कि मैं एक मुस्लिम हूं पर हमने संस्कृत से स्नातक किया हैं उन्होंने अपने संबोधन में गीता का श्लोक सुनाते हुवे कहाकि परायी स्त्री को माँ के समान समझना चाहिये और पराये धन को मिट्टी के समान तथा सभी जीवों को अपने समान वही ज्ञानी हैं। उन्होंने माँ के गोंद को पहली पाठशाला बताते हुवे कहाकि माँ ही अपने बच्चों के अन्दर शिक्षा और संस्कृति का विकास कर सकती है।विशेष कर मुस्लिम महिलाओं को सम्बोधित करते हुवे कहाकि अपने बच्चों को तरक्की करवाइये, शिक्षा दिलवाइये इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

अन्ततः शिक्षा हर हाल में ज़रूरी है।  विद्यालय के प्रबंधक निदेशक शिव गोविंद सिंह ने अपने सम्बोधन में ड्रेस, डिसिप्लिन और डाइट के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रत्येक माता पिता को अपने बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। समय समय पर विद्यालय के अध्यापकों से प्रधानाचार्य से अपने बच्चों के बारे में जानकारी लेते रहना चाहिए और फीस के साथ ही साथ अपने बच्चो को समय भी देना चाहिये। बच्चों के विकास में उनके माता पिता और गुरु का अहम योगदान होता है अतः अपने बच्चो पर विशेष ध्यान देने की आवश्कता है। 

प्रधानचार्य आर एस शर्मा ने अपने सम्बोधन में आगामी सत्र में बच्चों के लिये नयी शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई जाने वाली जानकारी और उसकी विशेषताओं को बताते हुए कहा कि अभी हम ज्ञान परक शिक्षा ही लेते आये हैं और अब हम ब्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को शुरू से ही दी जाएगी जिससे बच्चा जब स्कूल से बाहर निकलता है तो उसको नौकरी खोजने की जरूरत नहीं बल्कि नौकरी देने योग्य होगा। इस कार्यक्रम का संचालन निकिता सिंह ने किया तथा बच्चों को प्रमाण पत्र देने में नीलम चौहान, इर्तज़ा निशात, सनोवर जी महती भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में शिव गोविन्द सिंह ने आकाश सिंह सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सफल कार्यक्रम के लिये धन्यवाद दिया।