नहीं कोई उत्तर, सब है मौन

यह बेरोजगारी,कब कम होगी।

महंगाई यह, कब कम होगी।।

इसके लिए , दोषी है कौन।

नहीं कोई उत्तर, सब है मौन।।

यह बेरोजगारी-----------------------।।


उच्च शिक्षा पाने के लिए, नौकरी का ख्वाब लिये।

पानी की तरह रुपये बहा रहे हैं, यही आशा लिये।।

सौ में से एक पाता है नौकरी, बाकी है उदासी लिये।

इसके लिए, दोषी है कौन। नहीं कोई उत्तर, सब है मौन।।

यह बेरोजगारी -----------------------------------------।।


कमाई बहुत है, रुपये बचते नहीं है।

महंगाई बहुत है, घर भी सस्ते नहीं है।।

बिना कर्ज लिये, सपनें फलते नहीं है।

इसके लिए ,दोषी है कौन।नहीं कोई उत्तर,सब है मौन।।

यह बेरोजगारी------------------------------------।।


भटक रहे हैं सही राहों से युवा, बेरोजगारी में।

अपना रहे हैं जुर्म युवक, बढ़ती बेरोजगारी में।।

बढ़ रहे हैं अन्याय ,पाप, बढ़ती इस महंगाई में।

इसके लिए, दोषी है कौन। नहीं कोई उत्तर, सब है मौन।।

यह बेरोजगारी--------------------------------------।।


साहित्यकार एवं शिक्षक-

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847