इंजीनियर की नौकरी छोड़ राजनीति में आए अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष

एमएलसी आशीष पटेल भाजपा गठबंधन से कैबिनेट मंत्री बनाए गए 

चित्रकूट। मूल रूप से चित्रकूट के हनुमानगंज गांव के रहने वाले आशीष पटेल जल निगम में इंजीनियर थे। कानपुर में तैनाती के दौरान 2014 में उनकी शादी अपना दल अध्यक्ष सोने लाल पटेल कि दूसरी बेटी अनुप्रिया पटेल के साथ हुई। अनुप्रिया पटेल राजनीतिक परिवार से जुड़े होने के कारण शुरू से ही पार्टी में सक्रिय रही भूमिका निभाती रही। प्रखर वक्ता और पार्टी में सक्रिय भूमिका के कारण उन्हें कार्यकर्ता सोनेलाल पटेल के उत्तराधिकारी के रूप में देखते थे। हालांकि पेशे से इंजीनियर आशीष पटेल के साथ 2009 मे शादी के बाद अनुप्रिया पटेल के राजनीतिक कैरियर पर विराम लगने कि संभावना जताई जाने लगी थी। मगर यह आशंका गलत साबित हुई और आशीष पटेल ने सरकारी कामकाज की तमाम व्यस्तताओं के बाद भी समय निकाल कर अनुप्रिया पटेल को पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उत्साहित किया। इस दौरान वह अपरोक्ष रूप से अनुप्रिया को राजनीति में मदद भी करते रहे।

2012 में अनुप्रिया पटेल वाराणसी जिले के रोहनिया सीट से चुनाव मैदान में थीं। पति आशीष पटेल के कुशल रणनीति का परिणाम रहा कि सपा की लहर के बावजूद भी अनुप्रिया ने बड़े अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज किया। 2014 में यूपीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा मोदी की अगुवाई में रणनीति बना रही थी। अपना दल का भाजपा से गठबंधन हो गया। इस गठबंधन में अपना दल को दो सीटें मिलीं। ये दो सीटें थी मिर्जापुर संसदीय सीट और प्रतापगढ़ संसदीय सीट।

मिर्ज़ापुर सीट पर खुद अनुप्रिया पटेल ने चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल कर मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनी। हालांकि इस दौरान अपना दल में पारिवारिक कलह भी सामने आया। जिसमे माँ कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल के बीच तकरार इतनी बढ़ी कि पार्टी का बंटवारा हो गया। आशीष पटेल ने अनुप्रिया पटेल कि मदद से अपनादल (सोनेलाल) के नाम से नए दल कि स्थापना किया। 2017 में अपना दल (एस) के आशीष पटेल अध्यक्ष बन गये। पार्टी को खड़ा करने और उसको सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।