लोगों के गमो को उत्साह में बदलने के लिए ऑनलाइन कवि सम्मेलन

आजमगढ़ : एक छोटी सी पहल सामाजिक संस्था लॉकडाऊन के मौसमी गम को उल्लास में बदला तथा ऑनलाइन काव्य सम्मेलन का आयोजन बीते शनिवार को किया। 3 घण्टे चले इस कवि सम्मेलन में देश के लगभग सभी राज्यों के कवि  एवं रचनाकारों ने भाग लिया । 

कार्क्रम का संयोजन संचालन नन्हीं पहल के कर्मठ सदस्यों द्वारा किया गया । मुख्य अतिथि श्रीलंका सरकार द्वारा आयर्वेद चक्रवर्ती पुरस्कार सम्मानित स्वर्गीय तारा शंकर मिश्र की सुपुत्री डॉ अंजना चक्रपाणि मिश्रा रहीं जो स्वयं एक सुप्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्रि हैं तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन,आकाशवाणी में वार्ताओं का प्रसारण.कई न्यूज चैनल्स में बाइट्स एवं साक्षात्कार .प्रतिष्ठित "वामा साहित्य मंच " इंदौर की कार्यकारिणी सदस्या , कई कार्यक्रमो का सफलता पूर्वक मंच संचालन ,एवं प्रतिष्ठित काव्यगोष्ठियों में शिरकत कर चुकी हैं। इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि रहे पेशे से वकील एवं लखनऊ के प्रसिद्ध लेखक एवं कवि डॉ अमित हर्ष जी और जननी सुरक्षा सेवा संस्थान के संस्थापक चिकित्सक अजय पाणी पांडेय जी साथ ही लेखिका एवं प्रेरक वक्ता कविता मिश्रा जी लखनऊ से उपस्थित रहीं।  मुख्य वक्ता के पद पर मऊ से राष्ट्रीय स्तर ओज के प्रसिद्ध कवि  पंकज प्रखर और कानपुर से श्रृंगार के  कवि कुलदीप सिंह नवाब जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

नन्हीं पहल की संस्थापिका अनन्या राय पराशर , सह संस्थापक शिवा राय पांडेय और सांस्कृतिक प्रभारी दीपा दास का कहना है कि कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है। और इसका फैलाव कम करने के लिए अधितकर देशों में लॉक डाउन लागू है। भारत में भी डेढ़ महीने से भी अधिक समय से अधिकांश आबादी घरों में बंद है जिसका बच्चे बड़ों सभी पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है । कई ने अपने परिजनों को खोया है । यूँ अकेले बैठे लोगों के मन में कई नकारात्मक विचार घर कर सकते हैं जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है इसलिए हमनें कुछ रचनात्मक कार्य के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। ताकि वह इस मानसिक तनाव से बाहर आ सकें।

अनन्या जी ने बताया कि इसके लिए वह विशेष धन्यवाद देना चाहेंगीं साहिल बरनवाल , सिद्धार्थ सक्सेना , सुधांशु एवं सूरज सांकृत्यान का जिन्होंने इतना बेहतरीन संचालन किया। और धन्यवाद ज्ञानेंद्र ,दिव्या, अनुतोष ,अखिलेश राव तथा समस्त प्रतिभागियों का जिन्होंने हमारे कार्यक्रम "शेड्स ऑफ पोएट्री" को अपने उपस्थिति से सफल बनाया।