अवध के गांवों में राम और अयोध्या का गुणगान करते भक्ति लोक गीतों की बहार


लखनऊ। अयोध्या में श्री राम मंदिर के पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले अवध के गांवों में राम और अयोध्या का गुणगान करते भक्ति लोक गीतों की बहार आ गयी है। ये गीत ना सिर्फ मंदिरों, बल्कि घरों और चैपालों पर भी पूरी भक्ति, उल्लास और उत्साह के साथ गाये जा रहे हैं। प्रसिद्ध लोक गायक राम कैलाश यादव की आवाज के जादू से सजा राम लखन जब आये नगर में हो, पूछन लागीं सब नारी, सीता राम से भजौ प्रमुखता से गाया जा रहा है। यादव प्रतापगढ़ के हैं और जिले में हर जगह ये गीत सुनाई पड़ रहा है। अयोध्या में इस समय जय जय गगन धुन छायी हो, राम आये अवध में भजन की भी धूम है। राम और राम नगरी अयोध्या पर गीतों को लेकर तमाम प्रयोग करने वाले गीतकार विजय चंचल ने बताया कि इस भजन को शिवभान ने ठेठ अवधी अंदाज में गाया है। चंचल बताते हैं कि अयोध्या की गलियों और गांवों से गुजरते वक्त ये गीत अकसर सुनायी पड जाता है और फिलहाल अयोध्या के हर घर में इस सोहर की धूम है। चंचल के अनुसार अवध के हर तीज त्यौहार, विवाह, पवित्र कार्य, मानवीय संबंधों के ताने बाने और नौटंकी एवं रामलीला सहित सांस्कृतिक,धार्मिक कार्यक्रमों में राम और उनकी महिमा का बखान अवश्य होता है। शिशु जन्म पर गाये जाने वाले गीत भी राममय होते हैं। उन्होंने कहा कि अवधी लोकगीतों पर लंबे समय से काम कर रही अनुजा शुक्ला ने लखनऊ विश्वविद्यालय में अनुसंधान के दौरान उपहार सीरीज में भी इसका उल्लेख किया है। अयोध्या निवासी रत्नाकर दुबे ने बताया कि गीतकार एवं गायक बाबा देवेन्द्र दास देवेन्द्र पाठक द्वारा गाया गीत कौशल्या के जन्मे लनलनवा, अवध में बाजे बजनवा हो, दशरथ के जन्मे ललनवा, अवध में बाजे बजनवा हो भी इस समय अयोध्या की गली गली में गाया जा रहा है। दुबे ने बताया कि बिहार में मानस के प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय गायत्री कुमार जी ठाकुर की रचना ऐसन मनोहर मंगल मूरत, सुहावन सुंदर सूरत होश्, जो सोहर है, खूब सुनी सुनायी जा रही है। समाजसेवी शिवम कुमार ने कहा कि पूरी अयोध्या राममय हो चुकी है। मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले कुमार दो दिन पहले ही वहां से लौटे हैं। उन्होंने कहा कि श्रामचंद्र बनरा बने, राघव जी के गउवा बडा नीक लागे, तन में राम मन में रामश्, जैसे गीत और अवध की खुशबू से जुडे राम, राम की अयोध्या के गीत हर गली और हर नुक्कड पर सुनायी पड रहे हैं। कोविड-19 के चलते सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया जा रहा है लेकिन फिलहाल अयोध्या राम की भक्ति और भक्तिरस में डूब चुकी है। हर खास-ओ-आम राम लला के दर्शन को आतुर है और पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के शंखनाद के साथ ही भाव, भक्ति, आस्था और समर्पण जीवंत हो उठेगा।