हैं संकल्पित

मन संकल्पित तन संकल्पित जीवन का छण छण संकल्पित

 देश धर्म के लिए जरूरी कतरा कतरा लहू समर्पित ।।


 इस बलिदानी देश के जन-जन का बलिदान समर्पित 

संकल्प ह्रदय में लिए हुए देश के लिए प्राण समर्पित ।।


 संकल्प का इतिहास पुराना आर्यावर्त की धरा गवाह 

बड़े-बड़े और धीर पुरुष के संकल्प का कथा गवाह ।।


 संकल्प लिया उस ध्रुव ने प्रभु चरण ही था आधार 

फिर ध्रुव तारा बन नील गगन से दिखा रहे हैं जग को राह ।।


 शबरी का  संकल्प प्रभु के लिए संजोए मीठे बेर 

और प्रभु भी निहाल हुए खाकर उनके जूठे बेर ।।


 संकल्प लिया उस वीर लक्ष्मण ने भाई सेवा ही आधार 

तीन लोक में नाम अमर कर भ्रातृ सेवा का बनाया मिसाल ।।


 संकल्प लिया वीर हनुमंत ने स्वामी सेवा ही रहा प्रधान 

नाम आधार बनाकर हीं हल किए हर असंभव काम ।।


 संकल्प  सीता उर्मिला का पति संग धरी सन्यासीनी वेश 

चाहे सुख या दुख हो पति सेवा का किया मिसाल पेश ।।


 दृढ़ संकल्पित थे गंगा पुत्र जिसने लिया कठिन संकल्प 

जीवन के अंतिम क्षण तक राष्ट्रहित का रहा संकल्प ।।


 अब इस युग में ना कोई शबरी ना कोई लखनलाल है 

सीता उर्मिला सी ना कोई नारी ना भीष्म सा त्याग है ।।


 फिर भी हम जैसे भी हैं भारत माता के हैं लाल 

भारत की अस्मिता का रक्षा हमारा ही है प्रथम अधिकार ।।


 चंद लोग इस पवित्र भूमि पर जो मिट्टी को है लजा रहे 

सारी सुख सुविधा लेकर भारत से धोखा कर रहे ।।


 अलख जगे अब  पूरे भारत जन-जन हो जाएं सावधान 

इन दुष्ट दंभी और प्रपंचीयों को पहचानना ही हो अपना प्रथम काम ।।


अब इसका पहचान कर इसको दे इसका उचित इनाम 

ताकि इसके आने वाली नस्लें कर न सके भारत का नुकसान ।।

                भारत माता की जय


       कमलेश झा नगरपार भागलपुर बिहार