यूपी सरकार के आदेशों को नजर अंदाज कर अपनी मनमानी करने में बाज नहीं आ रहे ग्राम सचिव व प्रधान

ब्लॉक के बी सी व कम्प्यूटर ऑपरेटर कर रहे ग्राम पंचायतों में भुगतान का कार्य

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश सरकार में ग्राम स्तर पर कंप्यूटर सहायक / डाटाएंट्री ऑपरेटर को ग्राम स्तर पर ही हर लोक- जनकल्याणकारी योजना को पूर्ण करने के उद्देश्य से इनके पदों का  सृजन किया गया था ताकि हर ग्राम का नागरिक ग्राम में ही अपने सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके एवं हर ग्राम का भुगतान ग्रामीण स्तर पर ही किया जा सके | 

इसके लिए राज्य सरकार ने पत्र के माध्यम से वीडियो एवं पंचायत राज अधिकारी को अवगत भी करा दिया है , लेकिन कुछ ग्राम सचिव एवं प्रधानों की मनमानी ईतनी ज्यादा बढ़ गई है कि वह अनैतिक भुगतानों के चक्कर में ब्लॉक के कर्मचारियों र या कंप्यूटर ऑपरेटर को बुलाकर ग्रामों का भुगतान चोरी छिपे रात्रि के अंधेरे में करवाने से बाज नही आते | 

अगर कंप्यूटर ऑपरेटर उनसे पूछता है कि किसका भुगतान हुआ तो वह ग्राम प्रधान एवं सचिव इतना भी जरूरी नहीं समझते कि उनको अवगत ही करादे, इसके पीछे उनकी कौन सी मनषा है, ऐसा कौन सा भुगतान है, जो ग्राम प्रधान व सचिव करवा रहे हैं |

मन मुताबिक ठेकेदारों द्वारा कार्य करा कर मन मुताबिक समय में भुगतान कराया जाता है 

चाहे रात्रि के 10:00 बजे हहो या सुबह के 6 बाहरी ऑपरेटरों को बुलाकर भुगतान लगवा दिया जाता हैं ,जब ग्राम के कंप्यूटर ऑपरेटरों से जानना चाहा कि आप लोग भुगतान क्यों नहीं लगते तो उनका कहना था कि प्रधान एवं सचिव हमसे भुगतान नहीं लगवाते |

वही ग्राम प्रधान व सचिवों का कहना है कि कंप्यूटर ऑपरेटर पेमेंट को नहीं लगा पाते |

अगर देखा जाए तो कहीं ना कहीं ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिवों की मनसा पर संदेह उत्पन्न होता नजर आता है क्योंकि अगर ग्राम के कंप्यूटर सहायकों को पेमेंट लगाने की जानकारी नहीं है तो क्या ऑफलाइन ट्रेनिंग कार्यक्रम कराकर इनको उस प्रक्रिया से नहीं जोड़ा जा सकता जिस मनसा के तहत राज्य सरकार ने उनके पदों का सृजन किया है |

अगर यही सब मनमानी पूर्ण कार्य करना था तो इन्हें ग्राम स्तरों पर क्यों बैठाया गया ?

यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है, इस पर समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन से जब जवाब मांगा जाता है तो इनका कहना होता है कि सभी भुगतान कंप्यूटर सहायकों के द्वारा किए जा रहे हैं |

लेकिन असल मायनों में तस्वीर कुछ अलग ही है ज्यादातर या यूं कहें कि 75% जिले के कंप्यूटर ऑपरेटर हर ग्राम पंचायत में भुगतान नहीं लगाते या कहे कि उनसे भुगतान नहीं लगवाया जाता क्योंकि कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को छिपाना जो होता है।

इस प्रकरण पर पत्रकार समाज कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष रामचंद्र तिवारी ने बताया कि यह मैटर बहुत ही गंभीर है इसको लेकर के जिले के जिम्मेदार सजग हो जाएं अन्यथा इसकी सूचना लखनऊ में दी जाएगी क्योंकि यह सीधा खुला  भ्रष्टाचार है। जो खुलेआम चित्रकूट जनपद के हर ग्राम पंचायत में किया जा रहा है कहीं सचिव प्रधान दोनों की मनमानी है तो कहीं प्रधान की मनमानी |

 कंप्यूटर ऑपरेटर को ना तो समय से वेतन दिया जा रहा है और ना ही उन्हें उनका कार्य करने दिया जा रहा है |

कंप्यूटर ऑपरेटरों का 6-6 व 7-7 महीने का वेतन रोक करके उनसे कार्य कराया जाना एक बहुत ही निंदनीय कार्य है क्योंकि 200 प्रतिदिन के मानदेय पर यह कंप्यूटर ऑपरेटर अपना व अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजबूर है, इसपर  इनका  7-7 माह का भुगतान नहीं किया जा रहा जो एक चिंता का विषय है जिले के जिम्मेदार जिला अधिकारी से आशा है कि इस प्रकरण पर जरूर दृष्टि डालते हुए न्याय उचित कार्य करेंगे।