गोे आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों का कराया जाय स्वास्थ्य परीक्षण: डीएम

बहराइच। जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों की विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए शुक्रवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान डीएम मोनिका रानी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि विद्युत विभाग से समन्वय कर अवशेष गो आश्रय स्थलों का विद्युतीकरण कराया जाय तथा गो आश्रय स्थलों पर तैनात केयरटेकर्स के मानदेय का भी समय से भुगतान सुनिश्चित कराएं। डीएम ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राथमिकता के आधार पर गो आश्रय स्थलों का विद्युतीकरण करा दिया जाय। 

डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि गो आश्रय स्थलों की समुचित देखभाल के लिए पर्याप्त संख्या में केयरटेकर्स को रखा जाय। पशुपालन विभाग को निर्देश दिया गया कि संरक्षित गोवंशों का शत-प्रतिशत ईयर टैगिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया जाय।

बैठक के दौरान डीएम ने गो शाला की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिया कि आश्रय स्थलों में शीत लहर के प्रभाव को रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिये शेड को जूट के बोरे/तिरपाल से कवर किया जाय। इसके लिये विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध अनुपयोगी बोरा/टाट आदि को गौ आश्रय स्थलों पर उपलब्ध कराकर प्रयोग में लाया जाय।

 डीएम द्वारा सुझाव दिया गया है कि गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए समुचित प्रबन्धन एवं निरन्तर निगरानी के साथ साथ पशु शेडों के आस पास सुरक्षित ढंग से अलाव की भी व्यवस्था की जा सकती है।

शीत ऋतु में संभावित वर्षा के दृष्टिगत स्थल पर जल भराव न हो तथा गोवंश शेड जल-भराव से प्रभावित न हो इसके लिए गो आश्रय स्थल में जल निकासी की समुचित प्रबन्ध करने के साथ-साथ वृद्ध, अशक्त व नवजात गोवंश पर विशेष ध्यान दिया जाय। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ऐसे कोई भी गोवंश रात्रि में खुले स्थान में न रहने पायें, इसकेे लिए पृथक रूप से विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। 

डीएम द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि गो आश्रय स्थलों में दिन के समय पशु शेडों के टाट व तिरपाल को खोल दिया जाय जिरासे शेड में पर्याप्त धूप पहुंच सके और फर्श सूखा बना रहे। गो आश्रय स्थलों में नियमित रूप से गोबर व गो मूत्र की सफाई की समुचित व्यवस्था करायी जाय तथा समय समय पर बिछावन को बदले जाने के भी माकूल बन्दोबस्त किये जायें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रम्या आर., मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उपायुक्त मनरेगा के.डी. गोस्वामी, उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, बीडीओ, डिप्टी सीवीओ तथा पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।