श्रीकृष्ण कला सांस्कृतिक महोत्सव सीजन - 3 सम्पन्न

वृन्दावन, उत्तर प्रदेश : आध्यात्मिक शहर श्रीधाम वृन्दावन में कला व सांस्कृतिक परिवेश के उद्गम हेतु व नृत्य कला के नवाँकुर महारथियों के प्रोत्साहन हेतु "गिविंग हैण्ड्स वैल्फ़ेयर फ़ाउण्डेशन, दिल्ली" के सहयोग से लोकप्रिय व राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त "श्रीनृत्याँजलि - ए सेन्टर फ़ॉर ग्लोबल इण्डियन आर्ट एण्ड कल्चर, दिल्ली" के तत्वाधान में वृन्दावन में स्थित "वृन्दावन शोध संस्थान"  में "श्रीकृष्ण कला सांस्कृतिक महोत्सव" का सफलतापूर्वक समापन हुआ । 

इस कार्यक्रम की संचालिका डॉ. सुमिता दत्ता रॉय जी व कार्यक्रम के आयोजक श्री सन्दीप रॉय जी ने अपनी सार्थक कर्तव्यनिष्ठता निर्वहन की। कार्यक्रम की बागडोर व अन्य जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु गिविंग हैण्ड्स वॉल्फ़ेयर फ़ाउण्डेशन के महासचिव श्री गिरीश मित्तल जी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई । 

कलात्मक व सांस्कृतिक धरोहर की प्रगतिशीलता के प्रोत्साहन में यह आयोजन 17, 18, 19 नवम्बर निरन्तर तीन दिन चलायमान रहा जिसमें मुख्य अतिथि व गणमान्य अतिथि के रूप में क्रमश: - श्री विनोद अग्रवाल जी  (मेयर - मथुरा, वृन्दावन ), श्री रवि कान्त गर्ग जी ( उत्तर प्रदेश विधान सभा के पूर्व सदस्य) और पण्डित मुकेश गौतम जी (चेयरमैन - मुन्सीपालिटी कॉर्पोरेशन ), बिन्दिया जैन जी (भारतीय जनता पार्टी लीडर - महिला मुक्ति मोर्चा) और अनामिका दीक्षित जी (कॉर्डिनेटर) आदि अनुकरणीय व गणमान्य आगन्तुक सदस्यों के रूप में उपस्थित रहे । 

इस कार्यक्रम में पधारे समस्त गणमान्य अतिथियों ने कलात्मक क्रियान्वन व प्रस्तुतीकरण का भरपूर आनन्द लिया और समस्त प्रतिभागी व सहभागियों का उत्साहवर्धन किया । 

कार्यक्रम में कलात्मक प्रस्तुतियों के पारखी विश्लेषण हेतु न्यायिक क्रियान्वन के रूप में गुरु प्रमोद परिहार जी, गुरु शीतल ऑरान जी, गुरु गोपाल कृष्ण और गुरु अपूर्वा विजय काकडे जी, गुरु मृत्युञ्जय बसा जी और गुरु बिजय सामल जी आदि उपस्थित रहे । आप समस्त प्रतिभावा् गुरुओं व मार्गदर्शकों ने अपने कलात्मक अनुभव व कृतित्व कौशल से न्यायिक क्रियान्वन सँभाला जो कि काबिल-ए-तारीफ़  रहा । 

इनके अलावा नृत्य कला क्षेत्र के बुनियादी स्तम्भ व प्रसिद्ध कलाकार डॉ. मोनिका अँशुमन श्रीवास्तव जी, श्री नृत्य सम्राट अक्षय जी, श्रीमती सुनीता सक्सेना जी और श्री हितिन जी व श्री युवराज जी आदि गणमान्य कलाकारों ने अपनी अपनी उपस्थिति से  इस कार्यक्रम की शान बढाई जो कि सफलता की कारक बनी । 

श्रीकृष्ण कला सांस्कृतिक महोत्सव में सहभागिता निभाने वाले अनुकरणीय कलाकार निम्नांकित राज्यों से सम्बन्ध रखते हैं - 

दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगना और कर्नाटक, कैरेला, तमिलनाडू, पश्चिमी बंगाल, असम, उडीसा, हरियाणा और पंजाब, गुजरात एवम् झारखण्ड, उत्तराखण्ड, बिहार आदि  राज्यों के कलाकारों ने अपनी अप्रितम प्रस्तुति दी । 

राज्यों के अलावा कार्यक्रम को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रमश: भारत, मलैशिया, बांग्लादेश और नेपाल, श्रीलंका आदि से प्रगतिशीलता प्राप्त हुई जो कार्यक्रम की अद्भुत सफलता का सूचक है । इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर संचालित व स्थापित कलात्मक प्रशिक्षण केन्द्रों, विद्यालयों व संस्थाओं के बाल व युवा  कलाकार भी सम्मिलित हुए जो कि इस प्रकार हैं -  इन्दिरा कला संगीत विश्व विद्यालय - खैरागढ़

सदा डान्स अकैडमी - उदयपुर, राजस्थान 

अशोक पब्लिक स्कूल, हरियाणा

गायत्री कॉन्वेन्ट स्कूल, नागपुर

कथक विद्या निकेतन - ग्वालियर, मध्यप्रदेश

डान्सशाला - दिल्ली आदि ने अपने नवाँकुर व युवा कलाकारों की उपस्थिति दर्ज करवाई ।

कार्यक्रम की संचालिका डॉ. सुमिता दत्ता रॉय जी व आयोजक श्री सन्दीप रॉय जी ने कार्यक्रम की सफलतापूर्वक समपन्नता की पुष्टि करते हुए कहा कि - "श्रीकृष्ण की महारास नगरी वृन्दावन में कला का संस्कृति से सुम्मेलन होना सौभाग्य की बात है और हम सौभाग्यशाली हैं कि यह बहुमूल्य अवसर हमें प्राप्त हुआ कि लीलाधर बाँकेबिहारी के पावन श्रीधाम वृन्दावन में यह कलात्मक उद्घोष किया जो कि अनवरत संचालित व चलायमान रहेगा..!!"

संवाददाता -

डॉ. शशि कान्त पाराशर "अनमोल"

नारी प्रधान लेखक

मथुरा, उत्तरप्रदेश