दीपोत्सव।

आओ हम-सब मिलकर,

सुन्दर मन से दीप जलाएं।

खुशियां और सुकून की अमृतवाणी से,

जनजन तक सन्देश पहुंचाए ।

यह खुशियों को बांटना,

हम-सब को सिखलाएगा।

उमंग से सराबोर हो रही,

दुनिया में आनंद और सुकून का,

घर-परिवार में सुख-समृद्धि संग,

उत्साहित मन से विश्वास,

का दीपक यहां जलाएगा।

दीपोत्सव है लक्ष्मी गणेश की,

पूजा अर्चना का संस्कार है।

सनातनी समाज में व्याप्त,

उत्कृष्ट विचार व व्यवहार है।

समन्दर में गोते लगाने में,

यह देती खूब आभार है।

उत्साहित मन से विश्वास का,

सबसे खूबसूरत व्यवहार है।

स्वस्थ और स्वच्छ सन्देश का,

यह देती है एक सुन्दर सी झलक।

समस्त सनातनी समाज में ,

यह एक खूबसूरत अन्दाज में,

सुगंध से ला देती है पवित्र महक।

डॉ० अशोक, पटना, बिहार।