भुवनेश्वर : पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जो पिछले छह घंटों से 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है। यह जानकारी मौसम विभाग ने गुरुवार को दी। मौसम विभाग ने कहा कि आज सुबह साढ़े आठ बजे हवा का गहरा दवाब पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 17.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.0 डिग्री पूर्वी देशांतर पर केंद्रित था, जो कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से लगभग 390 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, ओडिशा के पारादीप से 320 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, पश्चिम बंगाल के दीघा से 460 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम और बंगलादेश के खेपुपारा से 610 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
विभाग ने कहा कि इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने का अनुमान है और अगले 24 घंटों के दौरान यह चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। उन्होंने अंदेशा जताया कि शनिवार तड़के तक 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ यह तूफान मोंगला और खेपुपारा के बीच बंगलादेश तट को पार कर सकता है।
विभाग के मुताबिक 17 और 18 नवंबर को केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक जिलों में कुछ स्थानों पर, कटक, जाजपुर, बालासोर, पुरी, खोरधा, मयूरभंज, क्योंझर, जाजपुर जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग भुवनेश्वर के वैज्ञानिक उमा शंकर दास ने कहा कि चक्रवात तूफान बनने के बाद ओडिशा के दो जिलों केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर में अतिवृष्टि होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिलों में भी बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि ओडिशा तट पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं और आज शाम से शुक्रवार शाम तक यह रफ्तार धीरे-धीरे बढ़कर 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक चल सकती है। मौसम विभाग ने इस दौरान मछुआरों से समुद्र से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। विभाग ने ओडिशा के सभी बंदरगाहों पर सिग्नल संख्या-1 (डीसी-1) चेतावनी जारी करने की सलाह दी है।