चित्रकूट | परम पूज्य सन्त रणछोड़दास जी महाराज के कर कमलों द्वारा स्थापित श्री सदगुरू सेवा संघ एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेत्र चिकित्सालय में शुक्रवार 17 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को 112 वें श्री तारा नेत्रयज्ञ का शुभारम्भ हुआ।
विदित है कि,प्रतिवर्ष इस दिवस पर पूज्य सदगुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज के जन्म जयंती के रूप में उनके भक्तजन एवं श्रद्धालु पूर्ण समर्पण एवं श्रद्धाभाव से मनाते हैं। इसी दिन से वर्ष 1950 में चित्रकूट के प्रमोदवन में गुरुदेव द्वारा प्रथम नेत्रयज्ञ का आयोजन किया गया था।
जिसमें मुम्बई से चिकित्सकों एवं कार्यकर्ताओ की टीम आयी थी और कच्चे बैरक और टेंट में 950 मोतियाबिंद के ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुए थे। तब से लेकर आज तक नेत्रयज्ञ का क्रम अनवरत चलता आ रहा है। जिसमें आज तक संस्था द्वारा नेत्र यज्ञ के माध्यम से लाखो लोगो को रोशनी प्रदान की गई और इस वर्ष 112 वें तारा नेत्रयज्ञ का शुभारंभ ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं डायरेक्टर डॉ. बी के जैन उनकी धर्म पत्नी ऊषा जैन एवं ट्रस्टी डॉ. इलेश जैन द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम प्रातः काल रघुवीर मन्दिर में सदगुरु परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में विधि-विधानपूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आचार्यों द्वारा गुरु पादुका पूजन सम्पन्न हुआ, तदुपरान्त प्रार्थना भवन में नेत्रयज्ञ का ध्वजारोहण,पूजन एवं उद्घाटन का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद ऑपरेशन थियेटर में मोतियाबिंद जनित अंधत्व से पीड़ित रोगियों को सर्जरी हेतु ले जाया गया।
इस अवसर पर जनरल सर्जन डॉ. पूनम अडवाणी, नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक सेन, कॉर्निया विभाग प्रमुख डॉ. गौतम सिंह परमार, अधीक्षक डॉ. ए बी एस राजपूत एवं सदगुरु परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।