आई है मां भक्तों के द्वारे

पावन महोत्सव है नवरात्रि का,

आई माता भक्तों के द्वारे।

नवदुर्गा भांति भांति के

स्वरूप ले कर आई।

भक्तों के कष्ट दूर करने,

मां लाल चुनरिया ओढ़ कर आई।

प्रथम दिवस माता शैल पुत्री का 

स्वरूप ले कर आई।

द्वितीय दिवस माता ब्रह्मचारिणी का

स्वरूप ले कर आई।

तृतीय दिवस माता चंद्रघंटा का

स्वरूप ले कर आई।

चतुर्थ दिवस माता कूष्मांडा का

स्वरूप ले कर आई।

पांचवे दिवस माता स्कंदमाता का

स्वरूप ले कर आई।

षष्ठी दिवस माता कात्यायनी का

स्वरूप ले कर आई।

सप्तमी दिवस कालरात्रि का

स्वरूप ले कर आई।

अष्टमी दिवस माता महागौरी का

स्वरूप ले कर आई।

नवमी दिवस माता सिद्धिदात्री का

स्वरूप ले कर आई।

घर ,मंदिर में गूंजे जयकारे,

मां खुशियों के पैगाम ले कर आई।

(स्वरचित)

सविता राज

मुजफ्फरपुर बिहार