आईआईए की महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित

सहारनपुर। आईआईए की महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन स्थानीय प्रताप मार्किट स्थित आईआईए कार्यालय पर आयोजित की गयी। कार्यशाला में खाद्यय सुरक्षा एण्ड औषधि और आयुर्वेद व यूनानी विभाग, खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यशाला में आईआईए चेयरमैन अनूप खन्ना ने विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में लाया कि फीड सप्लीमेंटी के मामले में पश्चिमी भारत सबसे बड़ी मंडी है। जनपद में फीड सप्लीमेंटी की अनेक इकाईया स्थापित है। उन्होंने कहा कि यह भांति काफी समय से चली आ रही है कि फीड सप्लीमेंटी मेडिसिन में आ रहा है या फिर फूड में आ रहा हैं। उन्होंने इस बारे में सदस्यों को विस्तार से बताते हुए समस्या का समाधान करने की बात कही। 

मुख्य अतिथि उपायुक्त उद्योग सहारनपुर वी.के. कौशल, उपायुक्त उद्योग ने कहा कि उद्यमियों की किसी भी विभाग से उद्योग से सम्बन्धित कोई भी समस्या है तो उनके संज्ञान में अवश्य लाये उसको वह अपने स्तर से निस्तारित कराने का प्रयास करेंगे। ’साथ ही उन्होने कहा कि एमएसएमई पालिसी -2022 से सम्बन्धित स्टाम्प ड्यूटी इन्वेस्टर समिट के अन्तर्गत प्रोजेक्ट लगाने में किसी भी स्तर से कोई समस्या आ रही है’ तो वह मुझसे सम्पर्क कर ले और वह किसी भी कार्य दिवस में आकर मेरे कार्यालय में मिल सकते है। मेरे द्वारा हर संभव सहायता की जायेगी।

सहायक आयुक्त-द्वितीय, खाद्यय सुरक्षा व औषधि प्रशासन सहारनपुर पवन कुमार ने कहा कि वह जनपद से काफी समय से जुडा हुए हैं और यहाँ से उनका पुराना नाता है। उन्हांेने कहा कि फूड सेफ्टी एक्ट के अन्तर्गत चाहे वह ’मैन्यूफैक्चर हो, रिटेलर हो, होल सेलर व ट्रांसपोर्टर’ है सभी प्रतिष्ठान इस एक्ट के दायरे में कवर है। फूड कारोबार करने के लिए सबसे पहले लाइसेंस ले। 

हमारे यहाँ ’लाइसेंस लेने की दो श्रेणी’ है जिसका ’टर्नओवर 12 लाख’ तक है उसकी ’रजिस्ट्रेशन की वार्षिक फीस 100 रूपये’ लगेगी है जोकि मुख्य खाद्यय सुरक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा और जिसकी टर्नओवर 12 लाख से ऊपर है उसकी वार्षिक फीस 3000 रूपये लगेगी वह लाइसेंस की श्रेणी में आयेगा जोकि मेरे द्वारा जारी किया जायेगा। 

क्षेत्रीय अधिकारी, आयुर्वेदिक व यूनानी विभाग सहारनपुर डॉ. रामकृपाल ने सर्वप्रथम चैप्टर टीम के पदाधिकारियों का साधूवाद किया’ कि उन्होंने इस सम्मानित मंच पर आमंत्रित किया। इस तरह के मंच में पहली बार वे आये हैं। आयुष विभाग से सम्बन्धित जनपद सहारनपुर में बहुत अधिक इंडस्ट्रीज स्थापित है। नई आयुर्वेदिक इंडस्ट्रीज लगाने में शुरू में परेशानी आती है परन्तु आपस में बैठकर समस्या का समाधान हो सकता है जो समस्याएं स्थानीय स्तर की है। 

उनका समाधान मैं अपने स्तर से शीघ्र करवा दूंगा परन्तु जिन समस्याओं का समाधान मुख्यालय स्तर से होना है। उनका समाधान वही से होगा। क्योकि ’लाइसेंस जारी करने वाली कमेटी के पैनल की बैठक 3 माह में एक बार होती है’ उसी बैठक में लाइसेंस की स्वीकृति दी जाती है। आपने कहा कि ’सहारनपुर में 15 से 20 ऐसी इंडस्ट्रीज है जिनका नवीनिकरण होना है। 

मैं नही चाहता कि किसी भी आयुर्वेदिक इंडस्ट्रीज का लाइसेंस निरस्त हो। ’कार्यशाला में पूर्व चेयरमैन के. एल. अरोड़ा, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कमेटी चेयरमैन ऋषभ अग्रवाल ऋषभ अग्रवाल, मंडलीय सचिव गौरव चोपड़ा, संजय अरोड़ा, सतीश अरोड़ा, वीरभान भटेजा, विनय दहूजा, अनुज जैन, शिवम गोयल, अतुल मित्तल, पुनीत डंग, अमित कौशिक, संजय यादव, अमित अग्रवाल, अजेश शर्मा, गुलबशर, विमल परौथी, वैशाली गोयल, संजीव सचदेवा, नाविया, जावेद अली, अमित अरोड़ा, स. मनमोहन सिंह, रजत मित्तल, अक्षय पुंडीर, त्रिभुवन पाल, संजय यादव, प्रमोद कुमार, मनोज शर्मा, आदि के अलावा लगभग 75 सदस्य उपस्थित रहें।