रिश्वताय नमः

हमारे प्रतिदिन के जीवन में भ्रष्टाचार के महत्व से आप सभी भली-भांति परिचित हैं। प्रतिदिन के कार्य सुगमतापूर्वक और बिना किसी सरफोड़ी के संपन्न हो जाएँ इसके लिए भ्रष्टाचार एक महत्वपूर्ण साधन है। चूँकि भ्रष्टाचार हमारे रोजमर्रा के जीवन का महत्वपूर्ण भाग है ऐसे में भ्रष्टाचार के सुचारु संचालन के लिए सरकार कार्यालयों द्वारा कुछ नियमों को निर्धारित किया गया है।

 भ्रष्टाचार के लिए निर्धारित नियमो को ही रिश्वत नियम या ब्राइब रूल्स  कहा जाता है। चूँकि हम इस देश के समझदार और जिम्मेदार नागरिक हैं, इसके नाते हम सभी का दायित्व बनता है कि हम सभी रिश्वत नियमो से भली-भांति परिचित हो और इनका पालन करें।

रिश्वत नियमो का पालन क्यों आवश्यक है ?

प्राचीनकाल से ही मनुष्य अपने कार्यों को आसानी से पूरा करवा सके इसके लिए लेन-देन का सिस्टम अपनाता रहा है। आगे चलकर यही लेन-देन का पवित्र नाम परिवर्तन रिश्वत के रूप में हुआ। अब हर काम रिश्वत से हो रहे हैं। आदमी साँस लेना भूल सकता है, लेकिन रिश्वत देना या लेना कतई नहीं। साँस न लेने से मात्र एक शरीर का अंत होता है जबकि रिश्वत के न लेने-देने से एक साथ कई लोगो के मरने की संभावना रहती है। इसीलिए रिश्वत के निर्बाध रूप से संचालन करने और सभी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिश्वत के नियमो का निर्धारण किया गया है। 

हालांकि सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की व्याप्ति के लिये रिश्वत नियमो का निर्धारण किया गया है, परन्तु कुछ नागरिक इन रिश्वत नियमो का पालन नहीं करते नतीजतन! हम हर दिन फाइलों के रुक जाने से लोगो के द्वारा माँ-बहन की गाली देते सुनते है। रिश्वत नियमो के उल्लंघन से न सिर्फ आप अपने जीवन को खतरे में डालते है अपितु दूसरे नागरिको की जान को भी। इससे दूसरे लोगो के लिए भी मुश्किलें पैदा होती है। 

रिश्वत नियमो के उल्लंघन से बने हुए काम यानी कब्जाने, हड़पने, आरोपों से बरी होने, बेशर्मी से दूसरों की माँ-बहनों के साथ ऊँच-नीच की हरकत न करने की संभावना बढ़ जाती है साथ ही रिश्वत न देने-लेने से निबटान का मुँह जोहती फाइलें धूल-कचरे के हिमालय से ढक जाती हैं। चूँकि हिमालय में भूकंप बहुत आते हैं, इसलिए रिश्वत न देने-लेने के चलते बेचैनी, असंयमता, असहिष्णुता, मार-काट की महामारी के रूप में रिश्वत के हिमालय में भूकंप लाने की संभावना अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच जाती है।  

वहीं रिश्वत नियमो के पालन से प्रतिदिन होने वाले देशोद्धारक कार्य जैसे किसी का हक मारकर अपना उल्लू साधना, पैसा फेंककर तमाशा देखना, ब्लैक मनी को वाइट मनी करना, ईमानदारों के मुँह पर ताला लगवाना, रिश्वत न दे सकने वालों का तंबू उखाड़ना कार्य बड़ी तेजी के साथ संपन्न किया जा सकता है।

रिश्वत के महत्वपूर्ण नियमों जैसे - ऊँची बोली लगाकर अधिकारियों को अपने तलवे चटवाना, नीचे से लेकर ऊपर तक निर्धारित राशि के रूप में भुगतान करना, दी गई रिश्वत किसी को बताने से बनाएँ दूरी, लंच-ऑफिस के बाहर या फिर होटलों में रिश्वत देने का रखे ख़ास ख्याल, चेक-फोन पे-गूगल-पे या फिर किसी ई-लेन-देन के बजाय नगद राशि का प्रयोग है सबसे जरूरी, या फिर बिनामी नाम के अकाउंट में जमा करने के लिए रहें तैयार, जेब में पैसा हों तभी जाएँ सरकारी कार्यालय, खाली जेब जाने पर हर्जाना भी हो सकता है, अपनी जान-पहचान के अधिकारियों को नियमित शुभ संदेश भेजते रहें और उनसे बात करते समय भाषा पर रखें नियंत्रण। मुँह से शब्द नहीं शहद टपकनी चाहिए, इसका अवश्य रखें ध्यान। 

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, प्रसिद्ध नवयुवा व्यंग्यकार