कल्पवृक्ष है श्रीमद्भागवत : आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज

मथुरा। वृन्दावन रमणरेती स्थित फोगला आश्रम में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ श्रीनाभापीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य ने मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत ग्रंथ व व्यासपीठ का पूजन-अर्चन करके किया। इससे पूर्व श्रीहनुमान टेकरी आश्रम से कथा स्थल तक गाजे-बाजे के मध्य शोभायात्रा निकाली गई। व्यासपीठ से भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की महिमा श्रवण कराते हुए कहा कि संसार में श्रीमद्भागवत महापुराण ही एक ऐसा ग्रंथ है, जो कल्पवृक्ष के समान है।

इसका आश्रय लेने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही उनके सभी पापों का क्षय हो जाता है। श्रीमद्भागवत में समस्त धर्म ग्रंथों का समावेश है। इस अवसर पर महोत्सव की मुख्य यजमान अनुभी गोयल व शिवन्या चंद्र गोयल (नोएडा), साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, उमाशंकर महाराज, आचार्य किशोर कुमार शर्मा, आचार्य राजा पंडित, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि उपस्थित रहे।