घाड छेत्र मे झोलाछाप डॉक्टरों की कुट रही चांदी क्लिनिक खोलकर मरीजाें की जान से कर रहे खिलवाड़, कार्रवाई करने नहीं आ रहे अफसर

अफजल अली बेहट

सहारनपुर  : तहसील बेहट क्षेत्र के गांव माजरा भोजेवाला में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके चलते जगह-जगह दुकानो में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। बिना योग्यता वाले यह डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर गंभीर बीमारियों का शत-प्रतिशत इलाज कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा करते है।

 इसके बदले में वह मरीज से मोटी फीस वसूल कर रहे है।

माजरा भोजेवाला में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, यहां हर गली-मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टरों के 4-5 क्लीनिक खुले हुए है। जिनके द्वारा मरीजों का इलाज उनकी जान जोखिम में डालकर किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि यह झोलाछाप डॉक्टर हर मरीज यानी किसी भी गंभीर बीमारी व गंभीर मरीज का इलाज करने में भी नहीं चूक रहे है। 

इनमें कई डॉक्टर तो ऐसे है जो 12वीं तक पास नहीं है। यह डॉक्टर न सिर्फ क्लीनिक चला रहे है बल्कि, ऑपरेशन थिएटर बनाकर मरीजों का बिना किसी अनुभव के ही सर्जरी कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही डॉक्टर जो अपनी दुकान के बाहर डॉक्टर बंगाली का नाम का बोर्ड लगाकर बवासीर व भगंदर जैसी बीमारी का ऑपरेशन कर बीमारी से निजात दिलाने का दावा कर रहे है।

साथ ही माजरा भोजेवाला में झोलाछाप डाक्टरों की लूट का हिस्सा मेडिकल संचालक बने हुए हैं, जो किराए पर लाइसेंस लेकर मेडिकल संचालित कर रहे हैं जो झोलाछाप डॉक्टर से सेटिंग कर डाक्टरों को कमीशन का लालच देकर मरीज को एक पोटली भरकर दवाई लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं झोलाछाप डॉक्टर कमीशन के लालच में जरूरत से ज्यादा दवाई लिख कर मरीजों को लूटने का धंधा चला रहे हैं।

वहीं झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों से एक बाटल लगने के बदले 100 से 300 रुपए तक लिए जाते है। यह डॉक्टर अपने पर्चों पर जेनेरिक ज्यादा कीमत लिखी एंटीबायटिक गोलियां भी लिखते है। जिनकी कीमत की हकीकत जानकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन डॉक्टरों द्वारा किस तरह की लूट मचा रखी है। अगर

बाटल मरीज लाता है तो उसे लगाने के 50 और इंजेक्शन लगवाने के 20 रुपए लिए जाते है।

मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार कर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन इन डॉक्टरों के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। इन

डॉक्टरों द्वारा कोरोना काल में छोटी बड़ी सभी बीमारियों का शर्तिया इलाज करने का दावा किया जा रहा है। जिसके चलते इनके जाल में फंस कर कई मरीजों की बीमारियां लाईलाज बन जाती है। जबकि कुछ मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।

माजरा भोजेवाला गांवों में खोल रखे हैं क्लीनिक

झोलाछाप डॉक्टर गांवों में बाकायदा अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे है। ये डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों से फंसाकर ठीक करने की गारंटी का भरोसा दिलाते हुए मनमानी फीस वसूलते है। जबकि इनका इलाज कभी भी मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

यह डॉक्टर अपने पास से मरीजों को एन्टीबायटिक, बुखार, दर्द की दवाईयां देने के साथ ही बाकायदा पर्चे पर भी दवाई लिखकर मरीजों को बाजार में अपने परिचित दुकानदार से खरीदने को कहते है। मेडिकल स्टोर संचालक भी इन डॉक्टरों की पर्ची पर लिखी, दवाईया मरीजों को दे देते है। जिन पर डॉक्टरों का कमीशन।