तेरे ख्याल में बस खोया रहता हूँ ,
कभी कभी तो जगाने जरुर आना।
बैठा रहता हूँ हर पल तेरे इंतजार में,
मुझे एक बार जताने जरूर आना।
मन के चौखट में उदास बैठा हूँ,
दिल के बात सुनाने जरूर आना।
अब क्यों नहीं बीत रहे है ये रात,
मुझे एक बार बताने जरूर आना।
समझ नहीं आ रहा है क्या करूँ,
कम से कम समझाने जरुर आना।
लग रहा हूँ कमजोर न हो जाऊँ,
मुझे हिम्मत दिलाने जरुर आना।
तेरे हाथों की मेंहदी याद आती हैं,
मेरे हाथों में लगाने जरूर आना।
जिसमें मेरा नाम लिखा था उसे,
एक बार दिखाने जरूर आना।
लगता हैं अब मुलाकात मुश्किल है,
यार मिलने के बहाने जरूर आना।
अब थक चुका हूँ प्रेमपत्र लिख कर,
प्रेम रस के संदेश पहुंचाने जरुर आना।।
रचनाकार
डोमन निषाद डेविल
पता- ग्राम डूंडा जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़