उन्होंने बताया कि वादकारियों अथवा उनके अधिवक्ताओं द्वारा आयुक्त न्यायालयों द्वारा विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत पारित आदेशों का अनुपालन कराये जाने हेतु प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किये जाते रहते हैं तथा उनके द्वारा कहा जाता है कि निरन्तर प्रयास के बावजूद संबंधित तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आदेशों का समयबद्ध अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
ऐसी दशा में वादकारियों को तहसील से जिला मुख्यालय एवं आयुक्त न्यायालय व कार्यालय तक अनावश्यक रूप से चक्कर लगाने पड़ते हैं, साथ ही अपीलीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना भी होती है। इसको लेकर मण्डलायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह स्थिति न्यायहित में कदापि उचित नहीं है। प्रत्येक उच्चतर न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों का समादर करते हुए संबंधित अधीनस्थ न्यायालयों व कार्यालयों द्वारा नियमानुसार ससमय अनुपालन किया जाये।