अवैध खनन को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में हैं बेहट तहसील
राजस्व विभाग व वाणिज्य कर विभाग संयुक्त रूप से खनन जोन में स्टॉक की जांच करें तो करोड़ों रुपए के राजस्व का सरकार को हो सकता हैं फायदा
सहारनपुर(बेहट)। अवैध खनन को लेकर लगातार चर्चाओं में रहने वाली बेहट तहसील एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। जहां उप जिलाधिकारी दीपक कुमार पुलिस के सहयोग से बिना रॉयल्टी रबन्नों के खनन का परिवहन कर रही गाड़ियों को पकड़ कर लगातार कार्रवाई करने में लगे हैं वही इस बात का भी खुलासा होता है स्टोन क्रेशर पर परमिशन से अधिक स्टॉक होना भी कार्रवाई से अपने आप में दर्शाता है परंतु स्टोन क्रेशरों के स्वामी अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर बिना रायल्टी रव्वनों के खनन का परिवहन कराने से बाज नहीं आ रहे हैं।
एक बड़ा सवाल यह है कि बेहट तहसील के खनन जोन में क्रेशरों पर पड़ा स्टॉक खनन विभाग व वाणिज्य कर विभाग की नजरों से कैसे बचा हुआ हैं जबकि खनन जोन में स्टोन क्रेशरों के स्टॉक की राजस्व विभाग व वाणिज्य कर विभाग अगर जांच करें तो सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का फायदा होगा परंतु एक बड़ा सवाल यह है कि खनन विभाग व वाणिज्य कर विभाग जांच में लीपापोती करने में क्यों लगे रहते हैं?
जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र के निर्देश और एसएसपी निर्देश के बाद अवैध खनन को रोकने के लिए उप जिलाधिकारी दीपक कुमार पुलिस के सहयोग से जहां बिना रायल्टी रव्वनों के खनिज का परिवहन कर रही गाड़ियों को पकड़ कर सीज करने में लगे हैं वहीं अवैध खनन कारोबारी प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर खनिज का अवैध परिवहन करने में पीछे नहीं हैं आखिर कौन है वह घर का भेदी लंका ढाए जो प्रशासन की रात दिन की मेहनत पर पानी फेरने में लगा हुआ है जो प्रशासन की नजरों से अभी तक बचा हुआ है।
खनन माफिया बिना सहयोग नहीं निकाल सकते गाड़ियां.. जिसके चलते सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुक़सान हो रहा हैं। एक बड़ा सवाल यह है कि खनन विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग जान बुझकर भी अनजान क्यों बना हुआ है। बेहट तहसील के खनन जोन में स्टोन क्रेशरों के स्टॉक की अगर राजस्व विभाग व वाणिज्य कर विभाग मिलकर सही जांच करें तो सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का फायदा होगा। परंतु एक बड़ा सवाल यह है कि खनन विभाग व वाणिज्य कर विभाग आखिर क्यों जांच में लीपापोती करते रहते हैं?
उप जिलाधिकारी दीपक कुमार आएं दिन खनन वाहनों की चैकिंग कर बिना रॉयल्टी रबन्नों एवं ओवरलोड खनन वाहन को पकड़ने में लगे हैं परन्तु अवैध खनन कारोबारी फिर भी नहीं रूक रहें हैं। सूत्रों की माने तो अधिकारियों की रेकी करने के लिए भी एक गैंग काम कर रहा है जिस गैंग का काम है कि जैसे ही अधिकारियों की गाड़ी तहसील से बाहर निकलती हैं वैसे ही वह गैंग सक्रिय हो जाता हैं।गैंग के सदस्य तहसील गेट,गंदेवड चैराहा,बेहट थाने के आसपास खड़े रहते है।इनका सूचना तंत्र बहुत सक्रिय है।
सूत्रों की माने तो तहसील के भी कुछ कर्मचारी अवैध खनन कारोबारियों से मिले हुए हैं जो तहसील परिसर से गाड़ी निकलती नहीं कि उन्हें सूचना करते हैं। ऐसी घटना जब प्रकाश में आई थी जब एक तत्कालीन एसडीएम ने तहसील के एक कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा था जिसमें कई नाम प्रकाश में आए थे परन्तु उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होती कि उससे पहले ही उक्त अधिकारी का स्थानांतरण हो गया था। उप जिलाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि कुछ स्टोन क्रेशरों के नाम प्रकाश में आए हैं जिनकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी जा रही हैं। तहसील प्रशासन कर रहा है रात दिन मेहनत आखिर विभाग क्यों सो रहा है कुंभकरण की नींद।