पौराणिक नदी के किनारे रामायणकालीन पौधे लगाकर बनाया जाएगा रिकॉर्ड

2 लाख से अधिक लोग एक साथ लेंगे पौधरक्षण की शपथ

आजमगढ़। पौराणिक नदी छोटी (मूल) सरयू नदी के किनारे 55555 रामायणकालीन पौधे लगाकर विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास जिला प्रशासन और लोक दायित्व संस्था द्वारा किया जा रहा है। यह अब तक का किसी पौराणिक नदी पर एक साथ एक दिन में रोपे गए रामायणकालीन पौधों की सर्वाधिक संख्या होगी। इस अभियान का संचालन  कर रहे मुख्य विकास अधिकारी  ने बताया कि इससे आने वाली पीढ़ी अपनी पौराणिकता से परिचित हो सकेगी, छोटी (मूल) सरयू बचाओ अभियान को बल मिलेगा, नदी सुरक्षित हो सकेगी, रामायणकालीन पौधों की सुरक्षा एवं संरक्षा हो सकेगी, लोग इन पेड़ों को स्वयं ही बचाने के लिए आगे आएंगे साथ पर्यवरण और जीव जंतुओं जैसे गौरैया आदि को सुरक्षा प्राप्त हो सकेगी।

 इस अभियान में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में छात्रों एवं अन्य लोगों द्वारा पौधरक्षण का संकल्प लिया जाएगा। लोक दायित्व के संयोजक पवन कुमार सिंह ने बताया कि विषय पौधरोपण ही नहीं उन्हें सुरक्षित किया जाना भी होना चाहिए। जब तक जनमानस इसके लिए तैयार नहीं होगा पौधों की रक्षा नही की जा सकेगी। इसी बहाने हमारे विलुप्त हो रहे पेड़ सुरक्षित होंगे। आजमगढ़ पलास के लिए भी प्राचीन काल में जाना जाता था। लेकिन आज ढूंढने पर भी पलास नहीं मिलेगा।

 इसी प्रकार तमाम औषधीय और पर्यवर्णीय पौधे जो विलुप्त हो रहे हैं सुरक्षित हो सकेंगे। विश्व रिकार्ड इंडिया दर्ज करने वाली संस्था के प्रतिनिधि 21 जुलाई को ही आजमगढ़ आ जाएंगे। उनकी निगरानी में यह रिकॉर्ड बनाया जाएगा। यदि यह दोनों रिकार्ड बन जाता है तो यह आजमगढ़ के लिए गौरव की बात होगी। इस कार्य के लिए सभी संबंधित विभाग मुस्तैदी से इस कार्यक्रम को पूर्ण करने की तैयारी में लगे हैं।