क्या मेरा अधिकार नहीं
बिंदी चूड़ी बिछुआ पायल
सब श्रृंगार तुम्हारे थे।
मेहंदी महावर टीका झुमका
सब साथ तुम्हारे थे ।
जब से गए हो तुम प्रियतम
क्या मेरी कोई पहचान नहीं
दुल्हन बनकर घर तेरे आई
सोलह क्षृंगार तुम्हारे थे।
क्या उन क्षृंगारो से ऊपर
मेरी कोई पहचान नहीं
तुम थे तो हम थे।
दिल की धड़कन के
सुंदर साज तुम्हारे थे।
धड़कन पर मेरा अधिकार नहीं
क्या मेरी कोई पहचान नहीं
पहले मेरी पहचान थी
शादी के बाद कहां गुमी
तेरे नाम के साथ जुड़ी
साजन क्या मेरा कोई नाम नहीं?
बिन तेरे क्या मेरी
कोई पहचान नहीं
बिंदी महावर मेहंदी पायल
साजन सब छूट गए।
तुम्हारे जाने से जीवन का
हर एक रंग क्यों रूठ गया
क्या मेरी कोई पहचान नहीं है
साथ तेरे भी जीती थी
बिन तेरे भी जीती हूं।
लोगों की निगाहों के अचानक
क्यों नजारे बदल गए
क्यों नजारे बदल गए
क्या मेरी कोई पहचान नहीं
नारी हूं तो क्या अबला हूं?
धैर्य सहनशीलता मेरी पहचान
ठुकराते हो क्यों मुझको
क्या इसमें दोष हमारा है.
तुम ही बताओ क्या मेरी
कोई पहचान नहीं?
मधु अरोड़ा