हिन्दी का सम्मान करें

हिन्द देश का वासी हूँ, 

हिन्दी मेरी  भाषा  है। 

हिन्दी को सम्मान मिले, 

यही मेरी अभिलाषा है। 


आज अंग्रेजी के सब हैं दीवाने, 

सभ्यता की निशानी उसी को माने। 

ये वो  साक्षर  लोग हैं, 

जो हिन्दी का महत्व ही न जाने। 


जैसा बोलें,लिखे भी वैसा ,

भाषा कोई हिन्दी सी नहीं। 

पूर्णतः वैज्ञानिक और परिष्कृत, 

इसकी  समता  कोई  नहीं।


हिन्दी प्राचीनतम भाषा है,

विदेशों में भी बोला जाता है। 

इसमें  झलकता है अपनापन, 

ये  है  सरल , सहज , सुगम ।


14 सितम्बर हिन्दी दिवस मनाएँ, 

हिन्दी को उचित सम्मान दिलायें। 

इसकी प्रगति के लिए करें प्रयास, 

हिन्दी श्रेष्ठ भाषा है,ये करें विश्वास। 


सोनल सिंह "सोनू"

कोलिहापुरी, दुर्ग (छ.ग.)