इन उपायों को गर्मियों और सर्दियों के लिए कार्य योजनाओं के माध्यम से लागू किया जा रहा है। राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘संतोषजनक’ (51 से 100) और ‘मध्यम’ (101 से 200) श्रेणी में दिन बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि गत दो वर्ष की तरह दिल्ली सरकार ने इस बार भी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में दिल्ली को वायु प्रदूषण के संभावित खतरे से बचाने के लिए एक योजना तैयार करने के वास्ते हम आपसे समय देने का अनुरोध करते हैं।’’ राय ने पिछले साल भी यादव को कई पत्र लिखे थे, जिसमें वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था हालांकि इन पत्रों का उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था।
दिल्ली की शीतकालीन कार्य योजना पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले धुएं, खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण आदि समस्याओं से निपटने पर केंद्रित है। शहर की सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर भी एक जनवरी तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार पिछले दो साल से ऐसा करती आ रही है।