तेरा दिल मेरा आशियां है,तेरी आँखें मेरा जहां है,
हार जाऊँ मैं सब कुछ,इतनी मीठी तेरी ज़ुबां है।
सहरा में सब्ज़ गुलज़ार,तुझ संग अलग दुनियां है,
अश्कों का सुकून है तू,खुशियों का कहकशां है।
दरिया में ला दे मौज जो,हँसी तेरी वो तूफां है,
शोख अदायें करती घायल,भोली सी तू और नादां है।
मर जाऊँ जुदा होकर,जीना भी कहाँ आसां है,
राब्ता बस तुझसे ही मेरा,मेरी ज़मी मेरा आसमां है।
दिलनवाज़ी का सबब तू,मेरे चमन का बागवां है,
दिलनशीं तेरी हर अदा, खिज़ा का गुलिस्तां है।
रीमा सिन्हा (लखनऊ)