समाज सेवा की संस्था चलाता हूं
अपनी प्रसिद्धि के लिए संस्थापक नाम लिखाता हूं
अपने खास मित्रों को संस्था में सदस्य बनाया हूं
मेरी संस्था के सदस्यों को अन्य संस्थाओं
में भी जानबूझकर मेंबर बनवाया हूं
अप्रत्यक्ष रूप से उनपर नियंत्रण करता हूं
समाज सेवा के बल पर होल्ड बनाया हूं
अपना राज खोलूं तो प्रसिद्धि का जरिया बनाया हूं
इसके बल पर नेतागिरी का विचार बनाया हूं
इसलिए सभी संस्थाओं में
अपने आदमी सदस्य बनाया हूं
मेरा नाम आगे हो यह भाव अपनाया हूं
समाज का सच्चा प्रतिनिधि मैं हूं
यह विचार मन में लाया हूं
इसलिए संस्थापक का होल्ड अपनाया हूं
अंदर खाने अपने को अनेक कार्यक्रमों में
एप्रोच भिड़ाकर प्रमुख अतिथि बनाता हूं
निमंत्रण पत्रिका में संस्थापक नाम लिखवाता हूं
भाषण में अपना परिचय संस्थापक बताता हूं
छोटे बड़े भाइयों को भी इस लाइन में डाला हूं
अंदर की बात बताता हूं ठस्के प्रसिद्धि
फायदे के लिए यह लाइन अपनाया हूं
-लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र