बसंत की पुरवाई में,
हवाओं की फिजाओं में ।
फूलों की हर कली हर ,
श्रोताओं की दिल की धड़कन में ।।
गॉ॑व हो शहर नगर हो या कस्बा ,
पास रहो चाहे या बहुत दुर ।
सुचना,शिक्षा,मनोरंजन का भंडार ,
हैं हमारा प्यारा आकाशवाणी रायपुर ।।
हमारे लबों में हमारे दिलो में ,
उड़ रहे हैं धुआं इन हवाओं में ।
क्या कहे दोस्त आकाशवाणी की बात ,
मिल गया हैं मन इन मधुर फिजाओं में ।।
हम तो हैं बस इनके दिवाने ,
उद्घोषक- उद्घोषिका की मीठी-मीठी बाते हैं मस्ताने।
ज्ञान- विज्ञान गीत-संगीत की अनुपम रसधार ,
मंत्र- मुग्ध हो जाते है ,जानकारी हैं मजेदार।।
खेत हो या खलिहान ,
दोस्त यार है और हैं मितान ।
जन- जन की है ए वाणी ,
हमारा प्यारा आकाशवाणी -आकाशवाणी ।।
क्या कहे हम आकाशवाणी की मधुर वाणी,
डोमू की अपनी कविता की हैं जुबानी।
सुनते रहिए हर सुबह-दोपहर हो या शाम ,
हमारा प्यारा आकाशवाणी को सादर हैं प्रणाम ।।
रचनाकार-
डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा
जिला- बालोद (छ.ग.)
मो.9669360301