धर्मेंद्र सिंह सैथवार और निर्मला पासवान की राह आसान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार कीर्ति कोल का नामांकन पत्र आयु के आधार पर मंगलवार को खारिज कर दिया गया। इससे भारतीय जनता पार्टी के दो उम्मीदवारों का विधान परिषद में पहुंचने का मार्ग आसान हो गया है।
सपा प्रत्याशी न्यूनतम 30 वर्ष की आयु की पूरी नहीं करती हैं।निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने बताया कि जांच के दौरान सपा उम्मीदवार का नामांकन पत्र वैध नहीं पाया गया और खारिज कर दिया गया क्योंकि उन्होंने ऊपरी सदन में जाने के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु की पात्रता पूरी नहीं की है। उम्मीदवार ने अपने हलफनामे और चुनावी पहचान पत्र में अपनी आयु 28 वर्ष बताई है जो मानक को पूरा नहीं करती।
इस घटना के बाद सोमवार को भाजपा उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल करने वाले गोरखपुर की क्षेत्रीय भाजपा इकाई के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और काशी क्षेत्र की उपाध्यक्ष निर्मला पासवान के विधान परिषद जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। पात्रता पूरी न करने के कारण पर्चा खारिज होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि सपा से इतनी बड़ी चूक हुई तो कैसे?