नियमों को ताक पर रखकर ओवरलोडिंग खनन का परिवहन जारी
सहारनपुर। सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए। एक रोज पहले जिलाधिकारी अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक हुई। तय पाया गया था कि ओवरलोडिंग नहीं होने पाएगी लेकिन धड़ल्ले से खनिज परिवहन जारी है। इसमें नियमों को ताक पर रख दिया गया है। खनन माफिया और स्टोन क्रशर संचलाक जमकर चांदी कूट रहे हैं।
जनपद का बेहट, चिलकाना, मिर्जापुर, सरसावा और गंगोह क्षेत्र अवैध खनन को लेकर शुरू से ही बदनाम रहे हैं।यहां खनन माफिया एक दूसरे से टकराते भी रहे हैं। खासकर हरियाणा के खनन माफिया, यूपी के खनन माफियाओं से दो-दो हाथ करते आए हैं। फिलहाल, यमुना नदी भर कर चल रही है, ऐसे में वहां से खनन तो सम्भव नहीं है पर स्टोन क्रशरों पर जो भंडारन हुआ है, उसका परिवहन नियमों को ताक पर रखककर किया जा रहा है। एक रोज पहले टास्क फोर्स की बैठक में क्रशर संचालकों का खुद का प्रस्ताव था कि नियम विरुद्ध परिवहन होने पर संचालक को पांच लाख जुर्माना देना होगा।
लेकिन, यह सब केवल हवा-हवाई रहा। सचाई तो यह है कि एक बार फिर अवैध खनन व परिवहन को लेकर बेहट क्षेत्र चर्चाओं में है। बीती देर रात्रि राजस्व, पुलिस व परिवहन की संयुक्त टीम ने निगरानी की तो पोल खुल गई। बिना रवन्ने रॉयल्टी एवं बिना नंबर प्लेट के अवैध खनन से भरी 11 गाड़ियां पकड़ में आ गईं। हालांकि, इन्हें सीज कर दिया गया है। बहरहाल, इस बात से साफ हो गया है कि खनन माफिया बाज नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मा्िरफयाऔर अफसरों में गठजोड़ है।
पुलिस भी आंख बंद किए रहती है। नामचारे को ही कार्रवाई अमल मेें लाई जा रही है। बाकी सबको खुल्लमखुल्ला छूट है। हालांकि, कल हुई प्रशासनिक टीम की इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में खान अधिकारी दास का कहना है कि नियम विरुद्ध कोई खनन अथवा परिवहन नहीं होने पाएगा। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी वाहन सीज कर दिए गए हैं। सवाल है कि अगर ग्यारह गाड़ियांएक ही रात में पकड़ी जा रहीं तो इसका मतलब साफ है कि पूरे कुंए में भांग पड़ी है। खनन माफिया की बल्ले बल्ले है। सरकार को राजस्व का चूना जरूर लग रहा है।