आप स्वयं देवें

निज निज पद चाहूं हमारा ।

लगाओ नारा जोरदार प्यारा ।।


चल जाऊं मैं ऑफिस दोबारा ।

काम कर कर आऊं ऐसा यारा ।।


प्रीति पद जो लागी हमारी ।

सेवा तुमरी करूं आई बारी।।


होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।

कृष्ण सुदामा घुस दें बैचारे ।।


सरकारी काम होते ऐसे ऐसे ।

मिल जाए नौकरी चाहे जैसे ।।


फाईल अटकाउ चाहे जैसी ।

सबकी कर दूं मैं ऐसी तैसी ।।


प्रकाश हेमावत 

टाटा नगर रतलाम