अन्याय, अत्याचार और अनीति से लड़ना भगवान श्री कृष्ण के जीवन से सीखें: मेहता

सहारनपुर। महानगर समेत जिलेभर में  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। देर रात्रि को कान्हा के जन्म के उपरांत आरती कर भगवान को भोग लगाकर व्रत खोले गए। घरों में पर्व पर विशेष मिष्ठान बनाए गए।

नुमाईश कैम्प श्री लालद्वारा देवपुरम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य कार्यक्रम हर्षाेल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया।कार्यक्रम में प्रवचन करते हुए प्रधान सेवक सन्त आशीष लाल मेहता ने कहा कि अन्याय, अत्याचार और अनीति से लड़ना भगवान श्री कृष्ण के जीवन से सीखें। 

आदमी सबका विरोध करता है मगर दो जगहों पर यह विरोध का सामर्थ्य खो बैठता है। पहला जब विरोध अपनों का करना पड़े और दूसरा जब विरोध किसी सामर्थ्यवान, शक्तिवान का करना पड़े। श्री कृष्ण का जीवन तो देखिये। उन्होंने अनीति के खिलाफ सबसे अधिक अपनों का और सर्व सामर्थ्यवानों का ही विरोध किया। 

सात वर्ष की आयु में इन्द्र को ही चुनौती दे डाली और उसके व्यर्थाभिमान का नाश किया। अपने ही कुल के लोग जब कुमार्ग पर चलने लगे तो बिना किसी संकोच व मोह के उनका परित्याग कर दिया। अतरू अन्याय, अत्याचार और अनीति का विरोध ही श्री कृष्ण की सच्चा अनुसरण होगा। अन्याय का विरोध करना ही होगा, चाहे सामने कोई अपना हो अथवा कोई साधन संपन्न ही क्यों न हो।

इस दौरान कार्यक्रम में आई श्री प्रिय बिहारी सरकार कीर्तन मंडल द्वारा भजनों के माध्यम से अपनी हाजिर लगाई जिसमे देर रात श्रद्धालु जमकर झूमे ओर धर्मलाभ उठाया। इस दौरान मोहनलाल पूरी,शमी,चंदन सचदेवा, विजय सचदेव, अंकुर,सुमित,कपिल,अंकुश,मिंकल, शगुन सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।