70 प्रतिशत महिलाएं पीसीओडी से अंजान, नहीं जानती बीमारी का सही इलाज

पीसीओडी, महिलाओं को होने वाला बेहद आम रोग है जिसके चलते महिलाओं को कंसीव नहीं हो पाता। हालांकि 70 प्रतिशत औरतें फिर भी इस बात से अंजान होती है कि वह पीसीओडी से पीड़ित हैं और जिन्हें जानकारी होती हैं वह सिर्फ दवाइयों के सहारे ही हो जाती है जबकि इस रोग का इलाज आपका सही खान-पान और हैल्दी लाइफस्टाइल है। लाइफस्टाइल को बदल कर ही पीसीओडी का इलाज किया जा सकता है। 

चलिए इस रोग से जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैंः

पीसीओडी यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर एक तरह का हार्मोनल विकार है। महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का लेवल बढ़ जाता है और एक रिपोर्ट की मानें तो हर 10 में से 1 महिला इस इस डिसऑर्डर से पीड़ित है। इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्स पाए जाते हैं।

5 से 10: औरतें, 15 से 44 साल के बीच पीसीओडी से पीड़ित हो जाती हैं जबकि ज्यादातर महिलाओं को 20 से 30 साल की उम्र में पता चलता है कि उन्हें पीसीओडी है हालांकि पीसीओएस किसी भी उम्र में 

हो सकता है। 

इसके बाद महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। 

चेहरे पर मुंहासे-बाल

हैवी ब्लीडिंग

त्वचा पर काले धब्बे

बाले झड़ना या पतले होना

सिरदर्द या चिड़चिड़ापन

ये सारे लक्षण पीसीओडी होने पर महिलाओं के शरीर में नजर आते हैं। 

पीसीओडी की इलाज 

सबसे पहले तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। वह आपको कुछ दवाइयां दे सकते हैं लेकिन आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी है। फाइबर, विटामिन ई और ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड ज्यादा लें। ब्रोकोली, सरसों का साग, पालक, शकरकंद, हरी बींस, फूलगोभी, लौकी, गाजर, केला, सेब, जामुन, अमरूद, अनानास, पपीता, अनार, चना दाल, दाल, सोयाबीन, ब्राउन राइस और छोले जैसी दालें आदि।

बाहर का डिब्बाबंद खाना खाने से परहेज 

मीठी चीजों से परहेज करें।

छोटे-छोटे मील खाएं।

वजन को कंट्रोल में रखें

योग और सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। 

तनाव से दूर रहें। 

एक बार अपना लाइफस्टाइल हैल्दी करें बीमारी अपने आप ही दूर होगी। एक बार करके देखें आपको फर्क दिखेगा।