शिव है !!

 एक हाथ 

अटूट विश्वास का,

सुकून श्वास का,

अनंत प्रेम का,

सुखद समर्पण का,

मूलाधार में बसता,

आज्ञा चक्र ऊँ प्रवाह करता,

कण कण उससे प्राणमय,

मन का देवत्व,

जीवन आधार,

मैं भागीरथी बन 

समाहित हो जाऊँ 

तांडव में उसके

वो सृष्टि है

वो भक्ति है

आधात्म की पराकाष्ठा

वो शिव है !


अंशिता दुबे

लंदन