गुरु बिन टेढ़ी राह है,गुरु से है आसान,
गुरु की जो संगत नही, रह जाये अज्ञान
सगरा जग तो हेय है,गुरु मम देव स्थान
गुरु है धर्म बड़ा बहुत,उनका करूँ बखान
धन दौलत का तनिक भी, मत कर तू अभिमान
गुरु की रह तू शरण में पा जाएगा मान
सबसे पहला माँ गुरू,है यह राज महान
माँ गर नहीं सँवारती, बचते कैसे प्राण
गुरु से मिलते देव है,गुरु बिन सब वीरान
कौन बने काबिल यहाँ,मिले न यदि गुरु ज्ञान
प्रज्ञा देवले✍️