जो किसी को आगे बढ़ाता है
धोखा ही धोखा है पग पग पर
ठोकर जिसने खाई वही समझ पाता है
भगवान पर भरोसा है तो
सब संकट दूर हो जाते हैं
मन के जो सच्चे होते हैं
हमेशा वही धोखा खाते हैं
भरोसा जो किया प्रह्लाद ने
बांध दिया था जलते खंभे से
दिखी जो चींटियां चलती हुई
आंखे खुली थी भक्त की अचंभे से
नन्हें बच्चे को जब पिता हवा में उछालता है
बच्चा खुश होता है जोर से खिलखिलाता है
पापा के मजबूत हाथ थाम लेंगे मुझे भरोसा ही तो है
लौट कर पापा की बाहों में सुरक्षित आ जाता है
आज टूट रहा है भरोसा एक दूसरे पर
कौन किसकी पीठ में खंजर भोंक जाएगा
विश्वास करते थे अपना समझते थे जिसे
क्या मालूम वही भरोसा तोड़ जाएगा
रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र