बांदा से नरैनी तक निजी भूमि बालू कारोबार में जारी है मनमानी चाल

- सीमांकन से हटकर स्तंभ और कैमरा को दरकिनार कर चलाया जा रहा कारोबार

बांदा। निजी भूमि की जमीनों में चल रहा बालू का कारोबार इस समय नियमों की अनदेखी करने के आरोपों से लदा है। जिले में कई जगह चल रहे किसानों की जमीन बालू के कारोबार में सीमांकन, स्तंभ और कैमरा आदि भी नजर नहीं आ रहे। क्षेत्रीय किसानों और ग्रामीणों की शिकायतें भी आती हैं लेकिन प्रशासन की सुस्त चाल के कारण बालू कारोबारी मस्त और किसान पस्त हैं। 

नदियों में संचालित बालू की खदाने जून माह के अंतिम छोर पर बंद हो जाने के बाद किसानों की निजी भूमि पर बालू कारोबार का गोरखधंधा इस समय जनपद में दिन-दूना रात चौगुना बढ़ोत्तरी पर है। लगभग आधा दर्जन जगहों पर निजी भूमि पर चल रहा बालू का कारोबार खनिज नियमावली के विपरीत काम करने पर अमादा है। नियमों की आंखों में धूल झोंककर अपने तरीके से कमाने खाने के चलाए जा रहे गोरखधंधा में बांदा से शुरू होकर नरैनी तहसील तक की संचालित निजी भूमि के बालू कारोबार में रात के जहां चोरी-चोरी चुपके-चुपके बालू खनन करके वाहनों में लादकर आपूर्ति की जा रही है वहीं शहर मुख्यालय से दक्षिण दिशा की ओर स्थित निजी भूमि की गंछा खदान से लगाकर नरैनी की मानपुर खुर्द, बरसड़ामानपुर, लहुरेटा में किए जा रहे बालू के कारोबार में नियमों की धज्जियां उड़ाकर बालू कारोबारी अपने तरीके से काम को अंजाम देने पर अमादा हैं।

 हालांकि सूत्रों की माने तो लहुरेटा व गंछा की निजी भूमि खदान पर सरकारी आंख चली थी लेकिन रात के चोरी-चुपके बालू निकालकर गोरखधंधा को बालू कारोबारी अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे। लगभग दो-दो हेक्टेअर के अंतर्गत निजी भूमि में चल रहे कई जगह बालू के कारोबार में नियमानुसार निर्धारित सीमांकन को भी धता बताकर निर्धारित गहराई से ज्यादा बालू निकालकर कारोबार को बंद नहीं किया जा रहा। कही-कहीं पर अगलबगल से बालू निकाली जा रही है तो निजी भूमि में सीमांकन में स्तंभ नहीं लगाए गए और न ही ऐसी कोई आंख लगाई गई जिससे दिन या रात के हो रहे किसी अच्छे-बुरे खेल को पारदर्शी बनाया जा सके। बालू के इस कारोबार की शिकायतें और जानकारियां खनिज महकमे से लेकर प्रशासन में बैठे अधिकारियों को हैं परंतु रोकथाम के नाम पर ऐसे कोई हाथ पांव नहीं चलते कि अनियमितता की दौड़ में लगाम लग सके। नरैनी तहसील से मिल रही खबरों में बताया जा रहा है कि मानपुर खुर्द बरसड़ा और लहुरेटा में चल रही निजी भूमि में बालू के कारोबार में सैकड़ों ट्रक रोजभरकर सड़कों पर निकलते हैं नरैनी चौगलिया से कुछ ट्रक अतर्रा, कालिंजर अधिकांशतः बांदा की ओर आते हैं। रात के इन ट्रकों की धमाचौकड़ी से जहां सडकें ध्वस्त हो रही हैं वहीं लगने वाले जाम भी सड़कों पर बालू लदे ट्रकों की सरपट दौड़ के गवाह वह लोग भी हैं जो इन ट्रकों की लंबी लाइन के कारण जाम में फंसे रहते हैं।

 नरैनी प्रशासन द्वारा नाक के नीचे खेले जा रहे बालू के मनमानी खेल पर अंकुश न लगाने का सवाल इलाकाई लोगों की जनजुबानी बन चुका है। निजी भूमि के आसपास भी अन्य काश्तकार भी बालू कारोबारियों की हरकत से अंदरखाने परेशान हैं। लेकिन बेबस होकर वह मौन साधे हुए हैं। कुछ ऐसे काश्तकारों ने दबी जुबान बताया कि हमारे खेतों के किनारे से बालू ऐसे निकाली जाती है कि कई खेतों में बालू का फैलाव होने से होने वाले कृषि उत्पादन में असर पड़ेगा।