देशभर में कोरोना संक्रमण के रोजाना मामलों में एक बार फिर से तेजी देखी जा रही है। इसके बढ़ते मामलों के साथ देश के कई हिस्सों में स्वाइन फ्लू के श्घातक मामले भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं। केरल में स्वाइन फ्लू से संक्रमित एक 12 वर्षीय बच्ची और उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। केरल के अलावा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी स्वाइन फ्लू के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
स्वाइन फ्लू संक्रमण के बारे में जानिए
स्वाइन फ्लू, मुख्य रूप से वायरस के एच1एन1 स्ट्रेन के कारण होता है। एच1एन11 इन्फ्लूएंजा ए वायरस है। इससे संक्रमण की स्थिति में इन्फ्लूएंजा की तरह ही लक्षण देखे जाते हैं। सामान्य फ्लू की तुलना में स्वाइन फ्लू अधिक संक्रामक है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
विशेषज्ञों के मुताबिक स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा, दोनों संक्रमण के ज्यादातर लक्षण समान हो सकते हैं। संक्रमितों में बुखार, ठंड लगने, खांसी, गला खराब होना, नाक बहने, शरीर में दर्द, थकान, दस्त, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कि सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द, लगातार चक्कर आना, लक्षणों का गंभीर होते जाना।
स्वाइन फ्लू संक्रमण के कारण
स्वाइन फ्लू संक्रमण, संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स या फिर दूषित सतह के संपर्क में आने से फैल सकता है। एच1एन11 वायरस आपके नाक, गले और फेफड़ों को लाइन करने वाली कोशिकाओं को संक्रमित करता है।
स्वाइन फ्लू का इलाज और बचाव
स्वाइन फ्लू से पीड़ित अधिकांश लोगों को केवल लक्षणों को कम करने वाली दवाइयों की जरूरत होती है। संक्रमण के दौरान आराम करने और पानी पीते रहने से भी लक्षणों को कम किया जा सकता है। सामान्यत: एंटीवायरल दवाओं से इसमें राहत मिलती है।
सावधानियां
1.हाथों को अच्छी तरह से बार-बार धोएं। हाथों को धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें।
2.खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढकें। इसके बाद हाथ धो लें।
3.अपनी आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।