कम से कम 1 इंच हो डायमीटर
लीची देखने में प्यारा और खूबसूरत फल है जो कि नॉर्थ इंडिया में काफी कम समय के लिए आता है। गर्मी से बरसात के बीच आपको मार्केट में ढेर सारी लीचियां दिख जाएंगी। इन्हें खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे हमेशा पकी लीची लें। कच्ची लीची हरी सी दिखती है। इनमें टॉक्सिन्स होते हैं। लीची रेड, पिंक या ऑरेंज कलर की ही लें। साथ ही ऐसी लीची खरीदें जो कि साइज में छोटी न हों। पकी लीची में आपको अच्छी खुशबू आएगी और दबाने पर सॉफ्ट लगेंगी।
न लें पकी लीची
अगल लीची चटकी है या इससे रस निकल रहा है या धब्बे हैं तो न लें। यह ज्यादा पकी होगी और सड़ने या अंदर कीड़े निकलने के चांस भी हो सकते हैं। डार्क ब्राउन कलर की लीची भी न लें ये ज्यादा पकी हो सकती हैं। लीची टिप पर हमेशा चेक करके खाएं इसमें गूदे के कलर के कीड़े भी होते हैं।
टॉक्सिन्स से जा सकती है जान
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लीची की टॉक्सिन्स खाली पेट ज्यादा नुकसान करते हैं। अगर पोषक तत्वों की कमी से बॉडी शुगर लो है तो इसमें पाया जाने वाला मेथाइलीन साक्लोप्रोपिल ग्लाइसीन केमिकल दिमाग को प्रभावित करता है।