किसने किसको कितना सताया,
मेरी जान ये कहानी फिर कभी,
किसके हिस्से में क्या क्या आया,
मेरी जान ये कहानी फिर कभी,
अभी नमी है मेरी आँखों में ,
आसमां तेरा पानी फिर कभी
किसकी लबों पे कितनी प्यास थी,
मेरी जान ये कहानी फिर कभी।
अभी खरोंचे है बहुत भरोसे पे मेरे,
उम्मीदों की नादानी फिर कभी,
किसने किसको कितना रुलाया,
मेरी जान ये कहानी फिर कभी l
आला दर्जे का इश्क़ था उनका,
कह कर गए आएंगे फिर कभी,
किसने कितना का प्यार निभाया,
मेरी जान ये बयानी फिर कभी l
नदियाँ न लौटती सागर से मिलकर,
कौन जाने वो मिले न मिले फिर कभी
किसने किसको कैसे रूह में उतारा,
मेरी जान तेरी मेरी कहानी फिर कभी।
हमसे न होगा अब ये इश्क़ दुबारा,
भूल जाने कि रवायत फिर कभी,
अभी चमकने दे आसमां में दामिनी,
टूट के बिखरने की कहानी फिर कभी।
दामिनी ठाकुर,वरिष्ठ कवयित्री
व स्वतन्त्र लेखिका,इंदौर,म0
प्र0,-7987267517