कभी मुस्कराकर जीना चाहते हैं,
ऐसा यहां सभी करना चाहते हैं,
बुजदिल है वो जो मुसीबतों से डरते हैं,
तभी तो जिंदगी छोड़ मरना चाहते हैं !
जिंदगी किसकी सदा खुशियों भरी हैं,
फूल चाहते हैं, किस्मत में कांटे पाते हैं,
सामना सभी का करना होता हैं गर
जिंदगी अच्छी तरह जीना चाहते हैं !
जैसे हम अच्छी तरह जीना चाहते हैं,
हर कोई ऐसी ही जिंदगी खुद चाहते हैं,
कभी-कभी पसीना हो जाती हैं जिंदगी,
हम किस-किस पर पसीजना चाहते हैं !
अंत में पछतावा होता रहा इस बात का,
कि ना हमने जी ना किसी को जीने दी,
वरना बड़ी खुशनुमा होती यह जिंदगी,
अब तो चैन वो भी लेने नहीं देते जबकि
हम चैन से मरना चाहते हैं, वो कहते हैं,
हमें साथ ले लो हमें कहां और जीना हैं,
हमें वहीं जाना,जहां तुम जाना चाहते हो !
- मदन वर्मा " माणिक "
इंदौर, मध्यप्रदेश